रात भर थाने में धरना पर बैठी भाजपा नेता रूपा गांगुली गिरफ्तार

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कोलकाता :  बीती रात से थाने में धरना पर बैठी भाजपा नेता रूपा गांगुली को पुलिस ने गुरुवार की सुबह हिरासत में ले लिया । रुपा गांगुली सड़क हादसे में एक युवक की मौत को लेकर धरने पर बैठी थी। रातभर बांसद्रोणी थाने में धरना देने के बाद, उन्हें थाने से लालबाजार ले जाया गया। पुलिस ने सुबह करीब दस बजे रूपा को उनकी गिरफ्तारी की सूचना दी, जिसके बाद उन्हें एक लाल रंग की पुलिस वैन में ले जाया गया।

रूपा गांगुली एक छात्र की डंपर से कुचलकर हुई मौत मामले के आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। उन्होंने कहा था कि जब तक आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वह थाने में ही रहेंगी। गुरुवार सुबह भी उन्होंने थाना परिसर में बैठकर पुलिस पर अपना गुस्सा जाहिर किया।

यह मामला बुधवार सुबह का है जब कोलकाता के वार्ड 1131 में एक नौवीं कक्षा का छात्र कोचिंग सेंटर जा रहा था। रास्ते में चल रहे सड़क मरम्मत कार्य के दौरान एक जेसीबी मशीन ने छात्र को धक्का मार दिया, जिससे वह पास के पेड़ से टकरा गया। उसके सिर में गंभीर चोटें आईं, और उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस घटना के बाद बांसद्रोणी में स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

स्थानीय लोगों का आरोप था कि घटना के बाद से इलाके की पार्षद अनिता कर मजूमदार का कोई अता-पता नहीं है। साथ ही, इलाके की खराब सड़कों को लेकर भी लोगों में काफी गुस्सा था। नाराज लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और पाटुली थाने के ओसी को रोककर रखा। बाद में, जब पुलिस के असिस्टेंट कमिश्नर प्रदीप घोषाल वहां पहुंचे, तो उन्हें भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। शाम होते-होते, दक्षिण उपनगर की डीसी विदिशा कलिता दासगुप्ता के मौके पर पहुंचने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू किया।

इस बीच मामले ने तब राजनीतिक रंग ले लिया जब पुलिस ने बीजेपी नेता रूबी मंडल सहित पांच लोगों को पुलिस को परेशान करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद, बुधवार रात बीजेपी कार्यकर्ता और समर्थक बांसद्रोणी थाने पहुंचे, जहां रूपा गांगुली ने नेतृत्व संभाला। उनके समर्थकों ने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि बिना किसी उचित शिकायत के रूबी मंडल को गिरफ्तार किया गया, जबकि छात्र की मौत के आरोपितों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई। रूपा गांगुली रात भर थाने में धरने पर बैठी रहीं।


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