चंडीगढ़, 10 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा में राजनीतिक परिदृश्य लगातार बदलते जा रहे हैं। करीब एक दशक पहले किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में एक ऐसे दल के रूप में उभरेगी जो सभी राजनीतिक दलों के खतरा होगा। एक दशक पहले 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा भाजपा विधायकों की संख्या दो अंकों में होना एक सपने से कम नहीं था, लेकिन अब राजनीति के अर्श पर पहुंची भाजपा के आगे सभी विपक्षी राजनीतिक दल न केवल बौने साबित हो रहे हैं। पिछले एक दशक के दौरान भाजपा के जहां ग्राफ में वृद्धि हुई है, वहीं हरियाणा में भाजपा पर से शहरी पार्टी होने का ठप्पा भी हटा है। पिछले पांच साल के दौरान हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा उम्मीदवारों को शहरों के साथ-साथ ग्रामीण अंचल में भी वोट मिले हैं।
वर्ष 2005 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो भाजपा को केवल दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। 2005 के चुनाव में भाजपा को 10.36 प्रतिशत वोट मिले और हसनगढ़ से नरेश कुमार व नारनौंद से रामकुमार गौतम ही विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो सके।
वर्ष 2005 के बाद भाजपा का हरियाणा में स्वर्णिम दौर तो शुरू हुआ, लेकिन वोट प्रतिशत में अधिक वृद्धि नहीं हो पाई। वर्ष 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को जहां 9.5 प्रतिशत वोट मिले, वहीं भाजपा की तरफ से अनिल विज, कविता जैन, घनश्याम सर्राफ ओर कृष्णपाल गुज्जर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने 34 प्रतिशत वोट हासिल किए और पहली बार हरियाणा में अपने बल पर सरकार बनाई।
भाजपा ने पिछला चुनाव किसी चेहरे को आगे रखकर नहीं लड़ा था। इसके बावजूद न केवल सरकार बनी बल्कि पिछले पाँच साल के दौरान हरियाणा में हुए सभी चुनावो में भाजपा ने एक छत्र जीत हासिल की। परिणामस्वरूप इसी साल मई माह के दौरान हुये लोकसभा चुनावों में भाजपा ने समूचे विपक्ष का सफाया करते हुए सभी 10 सीटों पर परचम लहरा दिया।
लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को हरियाणा में 58 प्रतिशत वोट मिले। यह इस वोट प्रतिशत के बल पर हरियाणा भाजपा टॉप थ्री में शुमार हो गई। एक दशक पहले तक भाजपा का जहां कोई नाम लेने वाला नही था वहीं आज हरियाणा तीसरे नँबर पर है जहां भाजपा की सरकारें हैं।
लोकसभा में मिली जीत के बाद भाजपा न केवल उत्साहित है बलिक अतीत में हुए चुनाव के परिणाम को देखते इस बार 75 पार का नारा दिया है। भाजपा अगर यह लक्ष्य पूरा कर लेती है तो हरियाणा की राजनीति में भाजपा के लिए यह किसी चमत्कार से कम नही होगा।
हरियाणा वासियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की नीतियों पर पहले पंचायत, फिर नगर निगम और उसके बाद जींद उपचुनाव में ओर हालही में हुए लोकसभा चुनाव में मोहर लगाई है। हरियाणा की जनता ने विपक्ष को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अब विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश वासियों के सहयोग से 75 पार के लक्ष्य को आसानी से हासिल करेगी और विपक्षी राजनीतिक दलों को मुंह की खानी पड़ेगी।