टूटा 19 साल का गठबंधन, भाजपा और आजसू अब चुनावी मैदान में अकेले ठोकेंगे ताल

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भाजपा ने नौ सीटें छोड़ी हैं, अब आजसू निर्णय करे : ओमप्रकाश माथुरआजसू का प्रस्ताव भाजपा के पास है, निर्णय उन्हें करना है : सुदेश महतो



रांची, 15 नवम्बर (हि.स.)। महाराष्ट्र में शिवसेना से अलगाव के बाद झारखंड में भी भारतीय जनता पार्टी और ऑल झारखंड स्टूडेंड यूनियन (आजसू) की 19 साल पुरानी दोस्ती टूट गई। पिछले एक सप्ताह से आईसीयू में करवट ले रहे संबंध ने अंततः दम तोड़ दिया। दोनों पार्टियों के अपने-अपने तर्क के बीच गठबंधन पर चल रहे शह-मात के खेल के समाप्त होने के स्पष्ट संकेत दिए हैं। भाजपा और आजसू दोनों पार्टियां एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रही हैं। एक तरफ भाजपा कह रही है कि नौ सीट आजसू के लिए छोड़ दी है, अब निर्णय उसे करना है। दूसरी तरफ आजसू का भी यही कहना है कि प्रस्ताव भाजपा के पास पड़ा हुआ है, निर्णय उन्हें करना है। ऐसे में साफ है कि अब दोनों की राहें जुदा हैं। इसके साथ झारखंड विधानसभा के चुनाव में भाजपा और आजसू अलग-अलग ताल ठोकेंगे। हां, मतदाताओं बीच गलत मैसेज न जाए, इस कारण दोनों पार्टियां औपचारिक घोषणा नहीं कर रही हैं।

गुरुवार की शाम 15 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के बाद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व झारखंड विधानसभा चुनाव प्रभारी ओमप्रकाश माथुर ने कहा कि हमने गठबंधन नहीं तोड़ा है। पांच दिन पहले सुदेश महतो के साथ बैठक हुई थी, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी उपस्थिति थे। बैठक में आजसू प्रमुख सुदेश महतो के साथ हुई बातचीत पर हमलोग आज भी कायम हैं। भाजपा ने अपनी सीटें जारी की हैं। आजसू के लिए अब भी नौ सीटें छोड़ रखी हैं। उस दिन की बैठक में ही साफ कर दिया गया था कि गठबंधन के तहत सिर्फ नौ सीटें ही दे सकते हैं, अब आजसू को निर्णय करना है। माथुर ने कहा कि आजसू ने हमारे प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के खिलाफ भी चक्रधरपुर से उम्मीदवार उतारा है, जबकि उनके कहने पर हमने हुसैनाबाद की सीट उनके लिए छोड़ दी। उन्होंने कहा कि रोज नई डिमांड कैसे चलेगी। आजसू प्रमुख सुदेश महतो अपने स्टैंड पर कायम नहीं रहे और उनकी पार्टी लगातार सीटों की मांग बढ़ा रही थी। उनके सभी लिखित कागज मेरे पास हैं। भाजपा विकास का मुद्दा लेकर चुनाव में जाएगी। पार्टी 65 से अधिक सीटें जीतेगी।

81 में से 79 सीटों पर उम्मीदवार देगी भाजपा

गुरुवार को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा को यह स्पष्ट कर दिया कि वे राज्य के 81 में से 80 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव की मन:स्थिति में आ जाएं। इसके लिए जो भी आवश्यक तैयारियां हैं उसे शीघ्र पूरी कर लें। राज्य के 79 विधानसभा सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी। हुसैनाबाद सीट पर निर्दलीय नामांकन भरने वाले जिला परिषद सदस्य और भाजपा नेता विनोद सिंह को पार्टी अपना समर्थन देगी। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में यह तय हुआ है कि सिल्ली सीट पर भाजपा नहीं लड़ेगी। हालांकि दो दिन पहले 12 नवम्बर को आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा था कि अगर भाजपा सिल्ली में उम्मीदवार उतारना चाहे तो वे उसका स्वागत करेंगे। हालांकि भाजपा ने ऐसा नहीं किया, जबकि आजसू ने चक्रधरपुर में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा है।

26 सीटों पर लड़ेंगे, झारखंडी विचारधारा के नेताओं को देंगे मौका
नौ सीटों पर चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने दो दिनों पहले ही कहा था कि पार्टी का प्रस्ताव भाजपा के पास पड़ा है, निर्णय भाजपा को करना है। आठ साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष व सांसद रहे प्रदीप बालमुचू के आजसू में शामिल होने के बाद सुदेश महतो ने कहा कि 26 विधानसभा सीटों पर हमारी तैयारी है और उन पर हम लड़ेंगे। इसके अलावा पार्टी में जो भी झारखंडी विचारधारा के कद्दावर नेता हैं उन्हें भी चुनाव लड़ाया जाएगा। हम 81 सीट पर तो चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन जहां उम्मीदवार देंगे, वहां मजबूती के साथ लड़ेंगे। सूत्रों की मानें तो दिल्ली में हुई दो राउंड की बैठक के बाद आजसू ने भाजपा का ऑफर ठुकरा दिया था। भाजपा ने आजसू को कुल नौ सीटें दी थीं, जबकि चार सीटों पर दोस्ताना संघर्ष की बात कही थी। पार्टी ने साफ कह दिया है कि उसे 17 सीटें चाहिए। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने पर भी आजसू अड़ी हुई थी।

दूसरी सूची 15 को, पार्टी का सीट से ज्यादा जीत सुनिश्चित करने पर ध्यान : देवशरण भगत

आजसू पार्टी के प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि पार्टी उम्मीदवारों की दूसरी सूची 15 नवम्बर को जारी करेगी। चुनाव के बाद कोई ऐसी परिस्थिति न बने जिसके लिए झारखंड के जनादेश पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो, इसलिए पार्टी का सीट से ज्यादा जीत सुनिश्चित करने पर ध्यान है। उन्होंने कहा कि झारखंड स्वाभाविक राज्य नहीं है, इसकी तुलना दूसरे राज्यों से नहीं की जा सकती। यह लंबे संघर्ष का परिणाम है। जनादेश संघर्ष की आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी झारखंडी जनता, पार्टी के कार्यकर्ता के मान-सम्मान और स्वभिमान को कभी झुकने नहीं देगी। यह राज्य झारखंडियों को मजबूत करने के लिए बना है, मजबूर करने के लिए नहीं। सीट सेयरिंग के संबंध में उन्होंने कहा कि हमारी मंशा है कि राज्य में विकास के लिए जरूरी है कि यहां मजबूत सरकार बने।

 


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