बर्थडे स्पेशल 29 सितंबर: लोगों को हंसाने के लिए ही फिल्मों में आए थे महमूद
बीते ज़माने के मशहूर हास्य अभिनेता, निर्माता और निर्देशक रह चुके महमूद आज बेशक हमारे बीच नहीं हैं लेकिन जब भी फिल्मों में हास्य भूमिकाओं की बात होती है सबसे पहले उन्हीं का चेहरा उभर कर सामने आता है। वैसे तो महमूद ने फिल्मों में हर तरह के किरदार को बखूबी से निभाया लेकिन फिल्मों में उनकी हास्य भूमिका को दर्शकों ने काफी पसंद किया और वह इसके लिए काफी मशहूर भी हुए।
29 सितम्बर 1932 को जन्मे महमूद के पिता मुमताज अली एक फिल्म अभिनेता और डांसर थे। आठ भाई -बहनों में दूसरे नंबर पर रहे महमूद ने अपने करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार साल 1943 में आई फिल्म ‘किस्मत’ से की। इस फिल्म में उन्हें अशोक कुमार और मुमताज शांति के साथ अभिनय करने का मौका मिला। इस फिल्म में महमूद के अभिनय को काफी पसंद किया गया। इसके बाद वह एक के बाद एक कई फिल्मों में अभिनय करते नजर आये और अपनी बेमिसाल अदाकारी से दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई।
महमूद की कुछ प्रमुख फिल्मों में दो बीघा जमीन, नास्तिक , सीआईडी , फंटूश , परवरिश,कैदी नंबर 911 ,दिल तेरा दीवाना, भूत बंगला,गुमनाम ,बॉम्बे टू गोवा, पत्थर के सनम , पड़ोसन, कुंवारा बाप आदि शामिल हैं। महमूद ने फिल्म ‘भूत बंगला का निर्माण और निर्देशन दोनों किया। इसके अलावा उन्होंने छोटे नवाब और पड़ोसन का भी निर्माण किया। फिल्म पड़ोसन 60 के दशक की जबरदस्त हिट साबित हुई। पड़ोसन को हिंदी सिने जगत की श्रेष्ठ हास्य फिल्मों में गिना जाता है।
हिंदी सिनेमा में लगभग पांच दशक तक राज करने वाले महमूद ने मशहूर अभिनेत्री मीना कुमारी की बहन मधु से विवाह किया था। महमूद के बेटे लकी अली भी महमूद की तरह फिल्मों के जाने माने अभिनेता रह चुके हैं। महमूद का 23 जुलाई 2004 को अमेरिका में इलाज के दौरान निधन हो गया था। महमूद आज बेशक हमारे बीच नहीं है लेकिन अपने अभिनय के जरिये वह हमेशा अपने चाहने वालों के दिलों में जीवित हैं और रहेंगे। उनके अभूतपूर्ण योगदानों के लिए हिंदी सिनेमा हमेशा उनका ऋणी रहेगा।