भारत पूरी दुनिया में मादक तस्करी रोकने के लिए संकल्पबद्ध : अमित शाह

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नई दिल्ली, 13 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिम्सटेक देशों को आश्वस्त किया है कि भारत में दुनिया के किसी भी कोने से मादक पदार्थो को नहीं आने देंगे और ना ही भारत से कहीं जाने देंगे। भारत मादक पदार्थों की तस्करी के लिए संकल्पबद्ध है। गुरुवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में नारकोटिक्स ड्रग जैसे संवेदनशील विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए शाह ने यह बात कही।

गृहमंत्री ने कहा कि इन दो दिनों में मादक पदार्थों से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श होगा और कुछ निर्णय भी लिए जाएंगे ताकि मादक पदार्थों की तस्करी को रोका जा सके। हालांकि भारत ने मादक पदार्थों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। देश में नारकोटिक्स कंट्रोल के प्रति सख्ती के लिए कई कदम उठाए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूएन और इंटरपोल के साथ भी रूपरेखा बनाई गई है। बावजूद इसके बिम्सटेक कॉन्फ्रेंस के साथ इस दिशा में यह एक नया कदम है।

शाह ने कहा कि अगस्त 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के काठमांडू में आयोजित चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में इस सम्मेलन की घोषणा की थी। अब तक देश ने जिस नीति या सोच के साथ मादक पदार्थों का सामना किया है उनके साथ नई परिस्थितियों में भी पूरी सफलता पाने के लिए हम सबको मिलकर कुछ नए विचार करने पड़ेंगे। हालांकि भारत सरकार ने नशीले पदार्थों की अंतरराष्ट्रीय तस्करी को रोकने हेतु अंतराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय स्थापित किया है। पिछले पांच वर्षों में भारत ने बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, सिंगापुर, म्यांमार और रूस के साथ नियमित द्विपक्षीय वार्ताओं को भी आयोजित किया है।

विगत पांच वर्षों में भारत में 01 लाख 89 हजार से अधिक नशीले पदार्थों के मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें 02 लाख 31 हजार 481 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ड्रग तस्करी में 1503 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। भारत सरकार ने अवैध दवाओं का मुकाबला करने वाले संगठनों के बीच बेहतर समन्वय और जुड़ाव की पहल की है। इस कार्य को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए संघ और राज्य एजेंसियों के बीच राष्ट्रीय समन्वय तैयार किया गया है। उन्होंने बिम्सटेक सम्मेलन को आश्वस्त किया कि भारत में दुनिया के कहीं से भी मादक पदार्थों को आने नहीं देंगे और भारत से कहीं जाने भी नहीं देंगे।

गृहमंत्री ने कहा कि भारत नशीली दवाओं के आयात या निर्यात की अनुमति नहीं देगा। ड्रग तस्करी को पूरी तरह से नियंत्रित करने के लिए भारत समर्पित हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ड्रग तस्करी और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए एक निश्चित तरीका अपना रहे हैं। इस चुनौती से लड़ने के लिए विभिन्न संगठनों के बीच समन्वय के लिए जल्द ही एक रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अपनी अंतरराष्ट्रीय क्षमता का उपयोग करना चाहिए। भारत में वर्ष 2019 में अवैध हेरोइन की मात्रा सितंबर तक दो मीट्रिक टन को पार कर गई थी। वर्ष 2018 में कुल संख्या केवल 1.2 मीट्रिक टन थी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा पेश की गई वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट के अनुसार, 15-64 वर्ष के बीच के 5.5 फीसदी लोग पूरी दुनिया में दवाओं का उपयोग कर रहे हैं। इससे साबित होता है कि 27 करोड़ से अधिक लोग ऐसी दवाओं का उपयोग करते हैं। इस संख्या में तेजी से वृद्धि चिंताजनक है।

 


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