द्विपक्षीय सहयोग पर की चर्चा भारत और ईरान के विदेश मंत्रियों ने
दुशांबे 30 मार्च (हि. स.)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ से मुलाकात कर रणनीतिक चाबहार पोर्ट सहित द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। विदेश मंत्री जयशंकर सोमवार को 9वें हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रोसेस मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लेने तजाकिस्तान पहुंचे। उम्मीद है कि वे अन्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि ईरानी विदेश मंत्री जावद जरीफ के साथ हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में गर्मजोशी से बातचीत हुई। हमने चाबहार सहित द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की।
सितंबर में, एस जयशंकर तेहरान में रुके थे, जब वह शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में भाग लेने के लिए रूस गए थे। तब भी द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और क्षेत्रीय विकास पर जरीफ के साथ चर्चा हुई थी।
सोमवार को जयशंकर ने यहां हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के मौके पर तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कैवसोग्लू से भी मुलाकात की। जयशंकर ने अपने तुर्की के समकक्ष से मुलाकात के बाद ट्वीट किया कि अफगानिस्तान-संबंधी घटनाक्रम और द्विपक्षीय संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा विकसित किया जा रहा है। हाल ही में, भारत ने चाबहार बंदरगाह को उपकरणों की दूसरी खेप की आपूर्ति की है। भारत ने चाबहार बंदरगाह को दो मोबाइल बंदरगाह क्रेन की एक खेप जनवरी में भेजी थी। इनका कुल अनुबंध मूल्य 25 मिलियन अमेरिकन डॉलर से अधिक था।
चाबहार बंदरगाह के विकास से भारत और ईरान के बीच आर्थिक और आपसी संबंधों के विस्तार में मदद मिलेगी और साथ ही दोनों देशों के बीच समुद्री व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा।