नई दिल्ली, 10 सितम्बर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पीटर डटन के साथ द्विपक्षीय बैठक में ऑस्ट्रेलियाई उद्योग को रक्षा क्षेत्र में भारत की उदार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीतियों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। बैठक में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई और दोनों देश व्यापक रणनीतिक साझेदारी के साथ संयुक्त रूप से काम करने के लिए सहमत हुए हैं। इससे मुक्त, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण पर आधारित सैन्य साझेदारी का विस्तार होगा।
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री पीटर डटन के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री डटन और उनके उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का भारत की पहली आधिकारिक यात्रा पर स्वागत करना बहुत सम्मान और खुशी की बात है। वैश्विक महामारी के बावजूद ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री सुश्री मारिस पायने के साथ उनकी भारत यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए ऑस्ट्रेलिया की स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री के साथ बहुत उपयोगी और व्यापक चर्चा हुई है। हम दोनों भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने के इच्छुक हैं। यह साझेदारी मुक्त, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हमारे साझा दृष्टिकोण पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि आज हमारी चर्चा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और सेवाओं में सैन्य जुड़ावों के विस्तार, रक्षा सूचना साझाकरण को बढ़ाने, उभरती रक्षा प्रौद्योगिकियों में सहयोग और आपसी सैन्य संचालन समर्थन पर केंद्रित रही है। दोनों पक्षों ने खुशी के साथ नोट किया कि ऑस्ट्रेलिया 2020 में मालाबार अभ्यास में शामिल हुआ। इस संदर्भ में हमने इस वर्ष मालाबार अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की निरंतर भागीदारी पर भी संतोष व्यक्त किया। राजनाथ सिंह ने बताया कि वार्ता के दौरान ऑस्ट्रेलियाई मंत्री डटन को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में हमारे हालिया प्रयासों और भारत में बढ़ते नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र से अवगत कराया। हमने रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में एक साथ काम करने के अवसरों पर भी चर्चा की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि मैंने ऑस्ट्रेलियाई उद्योग को रक्षा क्षेत्र में भारत की उदार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीतियों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया है। हम दोनों सहमत थे कि सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए द्विपक्षीय सहयोग के अवसर हैं। भारत पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और विकास के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत रक्षा साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ काम करने के लिए उत्सुक है।