एक तस्वीर से गरमाई बिहार की सियासत, फिर से खेला होने की अटकलें

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जू आमने-सामने हुए नीतीश -तेजस्वी

पटना :  राजभवन परिसर से आई एक तस्वीर ने हाड़ कंपाती ठंढ़ में भी बिहार की सियासत में उबाल ला दिया है । अब सूबे के राजनीतिक हलकों में एक ही चर्चा छिड़ी है , क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से पलटी मारने की जुगत में हैं ? नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के दुआ-सलाम की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर भी छाई हुई है । 

गुरुवार को मौका था राजभवन में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथग्रहण समारोह का । सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के नेता भी वहां मौजूद थे । इसी दौरान नीतीश कुमार जब गुजर रहे थे तब वहां मौजूद सभी नेताओं का अभिवादन भी कर रहे थे ।

उनके अभिवादन के जवाब में अन्य नेताओं के साथ-साथ तेजस्वी यादव ने हाथ जोड़े। नीतीश कुमार थोड़ी देर तक तेजस्वी के सामने रुके, उनका हाथ पकड़ा और पीठ भी थपथपाई । इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कटुता जैसी कोई बात नहीं दिखी । 

ये तस्वीर ऐसे समय में आई हैं जब लालू यादव ने कहा है कि उनके दरवाजे नीतीश कुमार के लिए खुले हैं । नीतीश कुमार को भी अपने दरवाजे खोलकर रखने चाहिए । यदि नीतीश वापस आते हैं तो उनकी सारी पुरानी गलती माफ कर देंगे । 

जाहिर है इसके बाद से बिहार की राजनीति में नई चर्चा शुरू हो गई है । हालांकि लालू यादव के बेटे और पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने इससे पहले कहा था कि अब नीतीश कुमार के लिए उनके दरवाजे बंद हो चुके हैं । गुरुवार को लालू प्रसाद यादव द्वारा नीतीश कुमार को लिए दिए बयान पर उन्होंने कहा था कि यह बयान सिर्फ मीडिया का मुंह शांत करने के लिए था । आप लोग रोज पूछते रहते हैं, तो क्या बोलेंगे । 

उधर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेता फिर से आरजेडी के साथ जाने की अटकलों को सिरे से खारिज कर रहे हैं । पार्टी नेता और केंद्र सरकार में मंत्री ललन सिंह  ने कहा कि लालू जी क्या बोलते हैं नहीं बोलते हैं ये उनके ऊपर है । हर किसी को अपनी बात रखने की स्वतंत्रता है ।  हम सिर्फ एक बात कहना चाहते हैं कि हम लोग पहले भी एनडीए के साथ थे और आगे भी मजबूती से एनडीए के साथ ही रहने वाले हैं ।

एनडीए के दूसरे नेता भी इसी सुर में बात कर रहे हैं । बीजेपी के नेता नीतीश कुमार के मसले पर लालू यादव और तेजस्वी यादव के अलग-अलग बयानों को लेकर चुटकी भी ले रहे हैं । उनका कहना है कि लालू यादव 

की उम्र अब रिटायरमेंट की हो गई है और आमतौर पर राजा के बूढ़ा होने पर उसे हटा दिया जाता है । तेजस्वी भी इसी राह पर चलते दिख रहे हैं ।


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