पटना, 31 मार्च (हि.स.)। बिहार के लिए वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जुड़ी अच्छी खबर है। पटना एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में भर्ती पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज अनिथा विनोद (35) पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गई हैं। उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अनिथा के संपर्क में उनके पति विनोद वेंकट और तीनों बेटे सहित 10 लोग आए थे, लेकिन कोरोना जांच के दौरान सभी की रिर्पोट निगेटिव आई। इसके अलावा पिछले 24 घंटों के दौरान पटना में 215 सैंपलों की कोरोना जांच की गई, लेकिन इसमें को भी इफेक्टेड नहीं पाया गया। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
दीघा इलाके में एक अपार्टमेंट में रहने वाले अनिथा अपने पति विनोद वेंकट रमण और बेटे के साथ दो मार्च को कार से पटना से नेपाल गई थीं। 8 मार्च को लौटी। इसी बीच पांच मार्च को उनका बड़ा बेटा भी इटली से आ चुका था। 16 मार्च को अनीथा को हल्का बुखार आया। दो दिन बाद 18 मार्च को बुखार के साथ खांसी भी होने लगी, तब वो बेटे के साथ एम्स गईं। वहां दोनों की स्क्रीनिंग हुई। बेटा ठीक था, लेकिन अनिथा को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया गया। 22 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आई था, लेकिन डॉक्टरों की सलाह मानने के साथ ही दवा लेती रही। 30 मार्च को जब जांच की गई तो उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई।
एनएमसीएच में मरीजों की निगरानी के लिए लगेगा सीसीटीवी कैमरा
एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना के मरीजों की गतिविधियों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे। इसके साथ ही उनके परिवारों के मनोरंजन के लिए टीवी भी लगायी जायेगी। एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने बताया कि अस्पताल प्रशासन को लगातार जानकारी मिल रही थी कि कोरोना के कुछ संदिग्ध मरीज वार्ड से बाहर निकलने का प्रयास करते हैं। इस दौरान कई बार गार्ड से भी उलझ गए। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने कैमरे लगवाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि कोरोना के मरीजों और संदिग्धों के इलाज में लगे डॉक्टरों, नर्सों और पारा मेडिकल स्टाफ के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 240 पीपीई किट एनएमसीएच को उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा एन 95 मास्क, ट्रिपल लेयर के सर्जिकल मास्क और संपूर्ण सुरक्षा के संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विभाग को लिखा गया है।
15 साल पुराने 4 हजार बॉगियों में बनेगा 32 हजार बेड का आइसोलेशन वार्ड
कोरोना को लेकर रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के 15 साल पुराने ट्रेनों के नन एसी कोचों को आइसोलेशन वार्ड बनाने का आदेश दिया है। पूर्व मध्य रेल में फिलहाल 208 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला जायेगा। हर कोच में आठ बेड होगा यानी कुल 1664 बेड तैयार हो जायेंगे। लेकिन, पूर्व मध्य रेलवे के सभी चार हजार कोचों को कन्वर्ट करने पर 32 हजार आइसोलेशन बेड की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसमें जरूरी दवाओं और भोजन के साथ ही वेंटिलेटर सहित अन्य चिकित्सकीय उपकरणों की भी व्यवस्था की जाएगी।