बेगूसराय, 07 मार्च (हि.स.)।केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र बेगूसराय के उत्तरी इलाके के अच्छे दिन आने वाले हैं। बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि तथा मिथिलांचल में मिनी देवघर के नाम से चर्चित गढ़पुरा के आसपास के इलाके तथा रामसर साइट काबर झील परिक्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं के साथ वर्तमान युवा पीढ़ी को अपने जिला एवं राज्य स्तरीय के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, पुरातात्विक धरोहर को विकास की गति प्रदान कराने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश विक्रम द्वारा डीएम से किये गए मांग के आलोक में गढ़पुरा के अंचल अधिकारी ने संभावित पर्यटकीय स्थल की स्थित (स्टेटस) प्रतिवेदन भेजा है।
इसमें पर्यटकीय संभावना, महत्वपूर्ण दृष्टिकोण से ऐतिहासिक पुरातत्व, धार्मिक, पर्यावरणीय, ग्रामीण, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आने की संभावना आधारभूत संरचनाओं में निकट एनएच, एसएच, एमडीआर, निकटवर्ती रेलवे स्टेशन, निकटतम हवाई यात्रा एयरपोर्ट से दूरी सहित विस्तृत विवरण अग्रेतर कार्रवाई के लिए भेजा गया है। सिमरिया गंगा घाट सेेेे वीरपुर-मंझौल होते हुए हरिगिरी धाम गढ़़पुरा तक का कांवरिया पथ, खोदावंदपुर-भगवानपुर-मंसूरचक होते हुए झमटिया घाट बछवाड़ा तक एवं बखरी-डंडारी-बलिया-साहेबपुर कमाल-छर्रापट्टी-मुंगेर घाट कांवरिया पथ। राम जानकी ठाकुरबारी, बाबा बौध बली स्थान, सहजानंद सरस्वती का सहजा डीह बिंदेश्वरी पुस्तकालय, माली देवी उदमी लाल पुस्तकालय एवं धर्मशाला ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह स्थल दुर्गा गाछी, पंंचू सिंह पोखर, नमक सत्याग्रह स्मारक, काबर झील पक्षी विहार के विशालकाय वन क्षेत्र को ऑर्गेनिक इको पर्यटन क्षेत्र में विकसित करने, हरसाईं स्तूप महात्मा बुद्ध का अस्थि कलश टीला, कांवरिया पथ में रजौड़ पोखर, महापंडित राहुल सांकृत्यायन आश्रम एवं अध्यात्मिक गुरु स्वामी राम चरण शरण शास्त्री आश्रम तथा स्मारक समाधी स्थल मणिकपुर गढ़पुरा को पर्यटन स्थलों का दर्जा देकर विकसित करने का प्रतिवेदन अंचलाधिकारी अस्मिता कुमारी ने जिला विकास शाखा बेगूसराय को अग्रेतर कार्यवाही के लिए प्रेषित किया है।