बिहार: गंगा सहित उत्तर बिहार की नदियों के जलस्तर में कमी से लोगों में राहत

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पटना, 20 अगस्त (हि.स.)। बिहार में गंगा के जलस्तर में कमी से पटना सहित बक्सर आरा और बेगूसराय जिलों के लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं दूसरी ओर उत्तर बिहार में भी कोसी, गंडक, बागमती, कमला सहित दूसरी नदियों का जलस्तर घटना शुरू हो गया है।

पटना के दीघा घाट में गंगा खतरे के लाल निशान से शुक्रवार को नीचे चली गई है। पटना के नजदीक सोन और पुनपुन भी लाल निशान से नीचे आ गई हैं। केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के अनुसार पटना में गंगा 51 सेमी नीचे उतरकर लाल निशान से 13 सेमी नीचे आ गई है, जबकि गांधी घाट पर 48 सेमी नीचे आई है, लेकिन खतरे के निशान से अब भी 54 सेमी ऊपर है। पटना के निकट हाथीदह में 24 सेमी नीचे इधर मुंगेर में में भी पानी कम हुआ है। हालांकि गंगा मुंगेर में 34 सेमी नीचे उतरने के बाद भी खतरे के निशान से 37 सेमी ऊपर बह रही है। भागलपुर में भी गंगा नीचे जाने लगी है। यह नदी भागलपुर में 10 सेमी घटने के बाद खतरे के निशान से 108 सेमी ऊपर रही।

नेपाल के रास्ते बिहार में प्रवेश करने वाली कोसी नदी का डिस्चार्ज बराह क्षेत्र में 1.39 क्यूसेक था। खगडिय़ा में गंडक लाल निशान से 132 सेमी, जबकि कटिहार में 183 सेमी ऊपर है। बागमती मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान से 35 तो दरभंगा में 52 सेमी ऊपर थी। कमला नदी झंझारपुर में लाल निशान से करीब 80 सेमी ऊपर बह रही है। महानंदा किशनगंज में 42 ओर पूर्णिया में लाल निशान से 29 सेमी ऊपर है।

पश्चिम चंपारण में गंडक बराज से एक लाख 52 हजार नौ सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया। मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में बाढ़ से हालात खराब हो गए हैं। नए इलाकों में पानी फैल रहा है। दो दर्जन गांव धौंस नदी के पानी घिरे हैं। समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर और मोहनपुर में गंगा और वाया नदी का जलस्तर घटने के बावजूद लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है। सीतामढ़ी जिले के परिहार, सुरसंड, सोनबरसा और पुपरी प्रखंड के कई गांव पानी से घिरे हैं।


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