बिहार में कोरोना के टीके निजी अस्पतालों को खरीदने पड़ेंगे

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पटना,05 मई (हि.स.)। बिहार में निजी अस्पतालों को कोरोना टीकाकरण के लिए टीके खरीदने पड़ेंगे। सरकार ने एक मई के बाद से निजी अस्पतालों को टीका उपलब्ध कराना बंद कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर निजी अस्पतालों को टीका की खरीद करने का निर्देश दिया गया है। इस आदेश के बाद बिहार में टीकाकरण अभियान में शिथिलता आ सकती है।
सूत्रों ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टीकाकरण जारी रहेगा। राज्य में अभी 18 साल से ऊपर के लोगों का कोविन पोर्टल पर निबंधन जारी है। पिछले दो-तीन दिनों से कई लोग निजी अस्पतालों में टीकाकरण की सुविधा नहीं होने से वापस लौट चुके हैं। बिहार में वैक्सीन की कमी की वजह से टीकाकरण अभियान प्रभावित हुआ है। 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के टीकाकरण अभियान के बाद अब निजी अस्पतालों को  कोविशिल्ड और कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनियों से टीका खरीदना पड़ेगा।
बिहार में 18 से 44 साल की उम्र वाले लोगों की तादाद 5.56 करोड़ है।उन्हें वैक्सीन की दो खुराक देने के लिए 11 करोड़ से ऊपर वैक्सीन की डोज चाहिये। दूसरी ओर, राज्य सरकार को एक महीने में सिर्फ 16 लाख डोज वैक्सीन मिलने जा रही है। राज्य सरकार ने एक करोड वैक्सीन खरीदने का आर्डर दिया है लेकिन वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर ही राज्यों के बीच उसका वितरण किया जाना है।
मई महीने के लिए बिहार को 16 लाख वैक्सीन देने का कोटा तय हुआ है। हालांकि जिन लोगों ने निजी अस्पताल में पहली डोज ली है, वह सरकारी अस्पतालों में दूसरी डोज ले सकेंगे।

 


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