टलना तय बिहार पंचायत चुनाव का, साथ ही टलेगा एक और चुनाव

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पटना, 07 अप्रैल (हि.स)।बिहार में पंचायत चुनाव का टलना लगभग तय हो गया है। एम-3 मॉडल ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर पटना हाई कोर्ट में बुधवार को होने वाली सुनवायी भी टल गई है। इससे पहले मंगलवार को भी इसपर सुनवाई टल गई थी। उधर, भारत निर्वाचन आयोग और बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के बीच ईवीएम खरीद को लेकर हाई कोर्ट की चेतावनी के बावजूद होने वाली बैठक भी नहीं हुई।पिछली सुनवाई में पटना हाईकोर्ट ने दोनों आयोग को इस मसले पर बातचीत करके समाधान निकालने का निर्देश दिया था, लेकिन दोनों के बीच हुई बैठक में कोई रास्ता नहीं निकल सका। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 15 जून को खत्म होने जा रहा है।
ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार को हस्तक्षेप कर कोई विकल्प तलाशना होगा। अदालत का फैसला अगर राज्य निर्वाचन आयोग के पक्ष में भी आ जाता है तो भी समय पर चुनाव करा पाना अब संभव नहीं होगा। बिहार सरकार भी लगभग इस स्थिति के लिए तैयार हो चुकी है। पंचायती राज विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्‍म होने की स्थिति में पंचायतों का कामकाज बाधित नहीं हो।
बताते चलें कि आगामी पंचायत के लिए ईवीएम मशीन की निर्बाध आपूर्ति के लिए बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से पटना हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है। उक्त याचिका से  भारत के निर्वाचन आयोग से जारी  21 जुलाई 2020 के उस हिस्से को चुनौती दी गयी है, जिसके तहत हरेक राज्य के निर्वाचन आयोग के लिए ईवीएम , वीवीपैट मशीनों की आपूर्ति व  डिजाइन के पहले भारत निर्वाचन आयोग की मंजूरी लेनी आवश्यक है।
पंचायत चुनाव में पहली बार ईवीएम के इस्‍तेमाल की तैयारी
वर्ष  2021 में बिहार में होने वाले पंचायती राज संस्थानों के चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग ईवीएम इस्तेमाल करना चाहता है। तीन- स्तरीय पंचायती राज चुनाव के  लिए एक विशेष तकनीक युक्त ईवीएम मशीनों की जरूरत है, जिसे सिक्योर्ड डिटैचेबल मेमरी मॉड्यूल प्रणाली कहा जाता है। इस डिजाइन की ईवीएम आपूर्ति करने के लिए हैदराबाद स्थित निर्माता कंपनी ईसीआइएल भी आपूर्ति करने को तैयार है, किंतु भारत का निर्वाचन आयोग चुप्पी साधे हुए है। राज्य आयोग ने यह भी आरोप लगाया है कि उपरोक्त तकनीकी युक्त ईवीएम मशीनों के आपूर्ति की मंजूरी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पंचायती राज चुनाव के लिए खुद भारत के  निर्वाचन आयोग ने मंजूरी दी थी, लेकिन बिहार के पंचायती चुनाव के मामले में  भेदभाव बरता जा रहा है ।
ऑर्डर के बाद ईवीएम तैयार करने में लगेगा एक महीने का वक्‍त
ईवीएम सप्लाई के लिए जिस कंपनी का मॉडल तय किया है, उसे बनाने के लिए कम से कम एक महीने का समय चाहिए। राज्य में एक साथ छह श्रेणी के ढाई लाख पदों पर चुनाव कराने हैं। उसके अनुरूप ईवीएम को एसेंबल करने में समय की जरूरत होती है। इस हिसाब से मई का पहला हफ्ता पार कर जाएगा। नौ चरणों में चुनाव कराने के लिए सरकार को कम से कम दो महीने का वक्त चाहिए। ऐसे में 15 जून तक चुनाव संपन्न कराना आयोग के लिए आसान नहीं होगा।

 


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