पटना हाई कोर्ट के सवाल पर सांसत में बिहार सरकार

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पटना, 27 जुलाई (हि.स.)। पटना हाईकोर्ट के पूछे गए सवाल पर बिहार सरकार के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। इसको लेकर के बिहार सरकार ने अपने सभी 38 जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर जानकारी देने का निर्देश जारी किया है।

इसके लिए अपर मुख्य सचिव ने चार अगस्त को सभी डीएम और एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से महत्वपूर्ण बैठक बुलायी है। इसमें हाई कोर्ट के आदेश का पालन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।

दरअसल, हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से यह सवाल पूछा था कि बिहार में कितने अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए बिहार सरकार अब आंकड़े जुटाने की कवायद कर रही है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि वह यह जानकारी जुटाने की सरकारी स्कूलों में कितने आईएएस, आईपीएस क्लास वन, क्लास टू स्तर के पदाधिकारियों के बच्चे पढ़ाई करते हैं।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की तरफ से इस बाबत सभी जिलों के डीएम और एसपी को आदेश पत्र भेज दिया गया है। इसमें पटना हाई कोर्ट की तरफ से दिए गए दिशानिर्देश की चर्चा की गई है।

जिलों से रिपोर्ट मिलने के बाद इसका पूरा डाटाबेस तैयार किया जाएगा और उसे पटना हाईकोर्ट के सामने राज्य सरकार की तरफ से रखा जाएगा। इस मामले में आगामी चार अगस्त को मुख्य सचिव सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा करेंगे। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आए आंकड़ों को कोर्ट के सामने रखा जाएगा। सभी जिलों के डीएम एसपी को सख्त हिदायत दी गई है कि वह इस मामले में लापरवाही ना बरतें। अपर मुख्य सचिव ने इस मामले में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भी गाइडलाइन जारी किया है।

उल्लेखनीय है की पटना हाईकोर्ट ने अतिथि शिक्षकों को हटाए जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की थी कि जब तक के अफसरों के बच्चे सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ेंगे तब तक शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार नजर नहीं आएगा। पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ की टिप्पणी के बाद राज्य सरकार हरकत में आई है।


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