बिहार : गंगा ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2016 की तुलना में गंगा पटना में डेढ़ सेंटीमीटर ऊपर
पटना, 14 अगस्त (हि.स.)। बिहार में गंगा और उसकी सहायक नदियों में आयी बाढ़ से राज्य के 15 जिलों की 16 लाख की आबादी हलकान है। पटना जिले में गंगा ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा में सबसे ज्यादा बाढ़ 1975 में आई थी, जिसका रिकॉर्ड 2016 में टूटा था। 2016 में गंगा खतरे के निशान से 141.5 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी, जबकि इस बार (2021) की बाढ़ ने उस रिकॉर्ड को भी ध्वस्त कर दिया है। शनिवार सुबह गंगा 2016 की तुलना में डेढ़ सेंटीमीटर ऊपर यानि 154 सेंटीमीटर तक पहुंच गई है। गंगा केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार प्रति तीन घंटे में एक सेंटीमीटर की दर से गंगा बढ़ रही है। गंगा में ये बढ़त अभी कुछ दिन और जारी रहने की संभावना है।
बक्सर और पटना से प्राप्त जानकारी के अनुसार गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़त जारी है, जिससे नदी किनारे का क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है। लाखों की आबादी प्रभावित हुई है। जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि सरकार की तरफ से कोई भी सुविधा अभी तक नहीं पहुंचाई गई है। सैकड़ों गांव जलमग्न है तो दर्जनों शहर बाढ़ की चपेट में है। लोग काफी डरे सहमे है।
रेणु देवी ने कहा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हम तैयार
बाढ़ से बिगड़ते हालात पर जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी ने कहा, ‘हम तैयार हैं, किसी भी तरह से निपट लेंगे। सरकार की तरफ से बाढ़ पीड़ितों के राहत के लिए लगातार काम किया जा रहा है।’ मंत्री ने कहा कि पटना शहर के जिन भवनों में पानी घुसा है वहां पंप से पानी निकाला जा रहा है। मंत्री के मुताबिक बिहार के 15 जिलों के 82 प्रखंड और 1,299 पंचायत बाढग्रस्त है। 16 लाख 91 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 7,660 बाढ़ पीड़ित सरकार के बनाये कैम्पों में रह रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिये178 कम्यूनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं।आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, राज्य में बाढ़ से अबतक पांच लोगों की जान गई है।