पटना, 15 जुलाई (हि.स.)। चमकी बुखार के बाद विपक्षी सदस्यों ने पिछले दो दिनों से उत्तर बिहार में आयी बाढ़ को मुद्दा बनाया है। बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को विपक्ष ने सदन के बाहर हंगामा किया। हाथ में बैनर-पोस्टर लिये राजद और भाकपा माले के सदस्यों ने सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले सरकार को बाढ़ से निपटने में नाकाम बताते हुए नारेबाजी की।
वहीं, सोमवार को सदन के अंदर भी बाढ़ को लेकर सदन गरमाया रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजद के सदस्यों ने सदन के अंदर बाढ़ को मुददा बनाते हुए लगातार नारेबाजी की और हंगामा किया। राजद एमएलए भोला यादव ने कहा है कि उत्तर भारत में बाढ़ की स्थिति भयावह है। मिथिलांचल में दरभंगा सहित कई जिलों की आबादी क्षेत्र में बाढ़ का पानी घुस गया है और बाढ़ में कई लोग बह चुके हैं।
सरकार पीड़ितों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की बात कह रही है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि लोगों को राहत नहीं मिल रही है। मधुबनी में कमला नदी से के पानी से पीड़ित परिवारों का हाल बेहाल है। पंचायत के जनप्रतिनिधि बीडीओ, सीओ से संपर्क न होने की बात कह रहे है। उन्होंने कहा कि दिखाव के लिए सीएम नीतीश कुमार हवाई सर्वे कर रहे है।
भाकपा-माले के विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन कर चमकी बुखार, जदयू के दलित नेता गणेश रविदास की हाजद में मौत और मिथिलांचल में युद्धस्तर पर बाढ़ अभियान चलाकर लोगों की सुरक्षा करने की मांग की। वहीं, राजद के सदस्यों ने बाढ़ को लेकर सरकार को घेरा। राजद के सदस्यों ने हाथ में बाढ़ की तस्वीरयुक्त तख्ती लेकर प्रदर्शन किया।
राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने बाढ़ को लेकर किसी तरह की तैयारी नहीं की है। उन्होंने सरकार पर बिहार के बाढ़ प्रभावित आठ जिलों पर संज्ञान नहीं लेने का आरोप गया। उन्होंने कहा कि इंजीनियर बाढ़ के बहाने लूट-खसोट में लगे हुए है। पीड़ितों तक सुविधा नहीं पहुंच पा रही है।