ट्रांसजेडर को सरकारी सेवा में आरक्षण देने वाला दुनिया का पहला राज्य बना बिहार

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बिहार में सिपाही-एसआई बन सकेंगे किन्नर शारीरिक मापदंड-दक्षता रहेगी महिलाओं जैसी 500 पदों पर एक पद ट्रांसजेंडर समुदाय को आरक्षित



पटना, 16 जनवरी (हि.स.)। बिहार, ट्रांसजेडर को सरकारी सेवा खासकर पुलिस में आरक्षण देने वाला दुनिया का पहला राज्य बन गया है। बिहार पुलिस में अब सिपाही और अवर निरीक्षक (एसआई) के पदों पर किन्नरों की सीधी नियुक्ति की जाएगी और वे सामान्य की तरह प्रोन्नति भी पा सकेंगे। अभ्यर्थी को बिहार राज्य का मूल निवासी और ट्रांसजेंडर होने का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद गृह विभाग (आरक्षी शाखा) ने शुक्रवार को ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों की बिहार पुलिस में नियुक्ति का संकल्प पत्र जारी कर दिया। पुलिस अवर निरीक्षक (एसआई) और सिपाही के पदों पर सीधी नियुक्ति के आवेदन में अंग्रेजी के शब्द ट्रांसजेंडर और हिंदी में किन्नर, कोथी, हिजड़ा का उपयोग किया जा सकेगा। किन्नरों की सीधी नियुक्ति के लिए शैक्षणिक अहर्ता बिहार पुलिस हस्तक 1978 के सिपाही तथा पुलिस अवर निरीक्षक संवर्ग के अनुसार ही होगी।

संकल्प पत्र के अनुसार सिपाही संवर्ग के लिए नियुक्ति का अधिकार पुलिस अधीक्षक (एसपी) को होगा। जबकि, अवर निरीक्षक (एसआई) के लिए नियुक्ति का अधिकार पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) स्तर के पदाधिकारी के पास होगा। सिपाही और पुलिस अवर निरीक्षक संवर्ग में प्रत्येक 500 विज्ञापित पदों पर एक पद किन्‍नर समुदाय के लिए आरक्षित रहेगा। इस पद के लिए अलग से विज्ञापन भी प्रकाशित किया जाएगा और इसका जिक्र विज्ञापन में स्पष्ट रूप से होगा। इनकी ओर से आवेदन नहीं मिलने पर यह पद सामान्य अभ्यर्थियों से भरा जाएगा। नियुक्ति पर पदस्थापन जिला पुलिस बल में होगा। 2011 की जनगणनना के अनुसार राज्य के प्रत्येक एक लाख लोगों में किन्‍नरों की संख्या 39 है।

 


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