बिहार के परबत्ता नाव दुर्घटना में छह की मौत, पांच इलाजरत

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29 लोगों को बचाया गया



पटना/खगड़िया, 17 नवंबर (हि.स.)। बिहार में खगड़िया जिले के परबत्ता में मंगलवार को देर शाम 40 लोगों से भरी नाव गंगा नदी की उपधारा में डूब गई। इसमें से अभी तक छह लोगों के शव को निकाला जा चुका है। बुधवार को तीन शव बरामद किए जाने से मंगलवार की संध्या यहां हुई नौका दुर्घटना में डूबने से मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। तीन शव मंगलवार की रात ही बरामद कर लिए गए थे।

घटना के बाद पूरे गांव में सन्नाटा है। घर के सदस्य बेसुध हो चुके हैं। नाव पर सवार 40 लोगों में से 29 लोगों की जान बचायी जा चुकी है। छह की डूबने से मौत हो चुकी है, वहीं पांच घायलों का इलाज चल रहा है।

डीएम आलोक रंजन घोष ने इसकी पुष्टि की है। हादसे के शिकार तीन मृतकों के स्वजनों को मंगलवार को चार-चार लाख के अनुग्रह अनुदान उपलब्ध करा दिए गए थे। शेष तीन मृतकों के स्वजनों को अनुदान राशि मुहैया कराने की प्रक्रिया चल रही है। इस घटना में किसी ने अपने घर का इकलौता चिराग खो दिया तो किसी ने घर का मुखिया खो दिया।

परबत्ता प्रखंड के नयागांव सिरया टोला की रहने वाली शंभू पंडित की पत्नी संगीता कुमार अपने 21 वर्षीय बेटे के वियोग में बार-बार बेहोश हो रही हैं। उनका बेटा प्रभात उर्फ दिलखुश कुमार भी अपने पिता के साथ उस नौका पर सवार था, जिसको काल ने निगल लिया।

नयागांव सतखुट्टी के मृतक पंकज सिंह की बेटियां अपने पिता की लाश से लिपटकर चीत्कार लगाती देखी गई। बेटियां रो-रो कर कह रही हैं कि अब हमारा क्या होगा। कौन हमें दो वक्त की रोटी मुहैया कराएगा। मृतकों में कोई परिवार मजदूरी करता है तो कोई छोटी मोटी खेती करता है। ये लोग नाव पर सवार होकर खेत में मजदूरी करने जा रहे थे लेकिन वापस लौटने के दौरान किनारा पहुंचने से पहले काल की गाल में समा गए।

मृतकों की सूची

दरियापुर भेलवा पंचायत के नयागांव महादलित टोला की नूतन कुमारी (18), श्वेता कुमारी (15), शर्मिला देवी (50), पंकज सिंह (45) सतखुट्टी, प्रभात कुमार उर्फ दिलखुश (20), पंडित टोला और संतोष कुमार उर्फ कारे (40) सतखुट्टी प्रमुख हैं।

उल्लेखनीय है कि खगड़िया में ये पहली नाव दुर्घटना हुई है। इससे पहले भी मानसी थाना क्षेत्र में एकनिया दियरा के पास गंडक नदी में तेज आंधी और बारिश के कारण एक नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसमें 9 लोगों के शव को नदी से एसडीआरएफ की टीम ने बरामद किया था। इन मृतकों में तीन महिला और दो बच्चे शामिल रहे। ऐसे में दुर्घटना होने की जिम्मेदारी प्रशासन की भी है। प्रशासन अगर एक घटना के बाद लगातार अवैध नाव संचालन पर नजर बनाए रखता तो फिर मंगलवार की घटना को रोकी जा सकती थी।


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