पटना, 12 अगस्त (हि.स.)। बिहार में गंगा बक्सर से लेकर कटिहार और कहलगांव तक उफान पर हैं। पटना जिले सहित 12 जिले इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी चेतावनी के मुताबिक गंगा के जल स्तर में शुक्रवार की रात तक आज दोपहर की तुलना में 15-25 सेंटीमीटर बढ़ने की संभावना है। बाढ़ की वजह से पटना के आसपास के लाखों लोग प्रभावित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निरीक्षण के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 14 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 14 टीमों की तैनाती कर दी है।
भोजपुर, मुंगेर, बख्तियारपुर सहित अन्य इलाकों में तैनात टीमों को 24 घंटे सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। राजधानी पटना के पटेल भवन में बने कंट्रोल रूम को हर पल की जानकारी मोबाइल के माध्यम से दी जा रही है। अन्य जिलों में तैनात कुछ टीमों को भी पटना बुलाया गया है, ताकि किसी भी आपदा के दौरान लोगों तक तुरंत राहत पहुंचायी जा सके।
आपदा विभाग ने पटना आसपास लगायी गयी टीमों को यह निर्देश दिया है कि उनकी तैनाती अब पटना के आसपास के जिलों में उस वक्त तक रहेगी, जबतक बाढ़ से प्रभावित इलाके पूरी तरह से सामान्य न हो जाएं।उसके बाद ही टीम को कहीं और भेजा जायेगा।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव के माध्यम से मेडिकल टीम को गश्त करने का निर्देश दिया गया है। मेडिकल टीम में एनडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मी रहेंगे, जो किट बनाकर लोगों तक दवा पहुंचायेंगे और अगर कोई व्यक्ति बीमार हो तो उसे तुरंत रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी भी दी गयी है। साथ ही, अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ से हुई क्षति और पशुओं को खाने के लिए चारे की व्यवस्था भी करेंगे। आपदा प्रबंधन विभाग ने संबंधित जिलाें के डीएम को दिशा-निर्देश भेजा है कि बाढ़ के दौरान जहां भी पानी का स्तर कम होता है या कहीं बढ़ता है, तो सुरक्षा में लगी टीमों को अपने मुताबिक उनकी अलग जगहों पर तैनाती कर सकते हैं। ताकि लोग सुरक्षित रहें और राहत-बचाव कार्य में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो।
इन जगहों पर तैनात की गईं टीमें
वैशाली, सारण, बक्सर, बख्तियारपुर, मुंगेर, दीदारगंज और दीघा में एनडीआरएफ की दो-दो टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा एसडीआरएफ की भी टीमें तैनात की गयी है।
मोकामा
गंगा में उफान से मोकामा के दियारा के गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। इसको लेकर लोग स्कूल भवन व अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। जंजीरा दियारा के कई लोग मवेशियों के साथ पलायन कर प्रखंड कार्यालय के पास टिके हैं। कसहा दियारा पंचायत के ग्रामीणों ने बताया कि निचला इलाका पूरी तरह जलमग्न हो गया है। ग्रामीण सड़क से करीब दो फुट ऊपर पानी बह रहा है। इधर, जल स्तर लगातार बढ़ने को लेकर स्थानीय प्रशासन अलर्ट है।
मसौढ़ी
मसौढ़ी। मोरहर नदी के जल स्तर बढ़ने से मीरचक, शिवचक के पास स्थित ह्यूम पाइप से बनी पुलिया बह गयी। इससे आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया। प्रखंड के मीरचक, शिवचक गांव के पास पूरब में मोरहर नदी बहती है। दोनों नदियां फिलहाल खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। धनरूआ में दरधा नदी की बाढ़ को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। देवधा के इमलिया के पास दरधा नदी का पानी तटबंध को ओवर टॉप करते हुए सड़क पर आ गया है। इसी बीच सीओ व ग्रामीणों ने ओवर टॉप कर रहे पानी को बालू की बोरियां रख कर अवरुद्ध किया है।
फतुहा
रूकुनपुर पंचायत के गंगापुर, खरफर, बैरया खुर्द, रुकुनपुर, भगवानपुर, दलनपुन, मोहम्मदपुर, दौलतपुर गांव में पुनपुन, महतमाईन नदी का पानी फैल गया। इससे सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूब गयी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गंगा और पुनपुन के जल स्तर में लगातार हो रही वृद्धि से नगर परिषद क्षेत्र के गोविंदपुर वार्ड-9 और 10 में पानी प्रवेश कर गया है। लोग घरों से निकलने के लिए बांस के चचरी पुल का उपयोग कर रहे हैं।
पटना सिटी में श्मशान घाट गुलाबी घाट पर गंगा तट पर पानी चढ़ने की स्थिति में दाह संस्कार करने वालों को भी परेशानी हो रही है। स्थिति यह है कि पानी में ही मुक्तिधाम पर बनाये गये मचान पर शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है। पानी सीढ़ी के पास पहुंच गया है। इतना ही नहीं विद्युत शवदाह गृह में भी गंगा का पानी जमा हो जाने की स्थिति में दो दिनों से विद्युत शवदाह का काम ठप पड़ा है। ऐसे में लकड़ी से ही दाह संस्कार किया जा रहा है।