असम के सीमावर्ती दो गांवों में भूटानी मुद्रा और मोबाइल नेटवर्क के जरिए चलता है भारतीयों का जीवन !

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यहां भारतीय मुद्रा का प्रचलन एक तरह से न के बराबर है। मोबाइल नेटवर्क के लिए भी यहां के निवासी भूटान की मोबाइल कंपनी ईताची का सिम कार्ड इस्तेमाल करते हैं।



गुवाहाटी, 21 जून (हि.स.)। असम के दो गांवों में भारतीय मुद्रा और मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध न होने के चलते यहां के लोग अपने रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए पड़ोसी देश भूटान की मुद्रा और मोबाइल नेटवर्क का उपयोग करते हैं।

ये दोनों गांव राज्य की भारत-भूटान अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक स्थित हैं।कोकराझार जिले के सरलपाड़ा और उल्टापानी गांवों में दैनिक जीवन में भूटानी मुद्रा से खरीदारी का काम होता है, जबकि बातचीत के लिए यहां के लोग भूटानी नेटवर्क पर आश्रित हैं।बताया गया है कि इन दोनों गांवों में बैंक से संबंधित किसी तरह की सुविधा नहीं है, जिसके चलते व्यवसाय और वाणिज्य समेत दैनिक कार्यों के लिए भूटानी मुद्रा का व्यवहार होता है। यहां भारतीय मुद्रा का प्रचलन एक तरह से न के बराबर है। मोबाइल नेटवर्क के लिए भी यहां के निवासी भूटान की मोबाइल कंपनी ईताची का सिम कार्ड इस्तेमाल करते हैं।

गांवबूढ़ा के एम शर्मा ने मीडिया को बताया कि गांव में एयरटेल का मोबाइल टावर लगाने का काम पिछले दिनों शुरू हुआ था लेकिन कोकराझार जिले के हल्टी गांव वन समंडल और उल्टापानी वन रेंज ने इस काम को बंद करा दिया। नतीजन दोनों गांव के लोग भूटान के मोबाइल नेटवर्क का प्रयोग करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि सरलपाड़ा और उल्टापानी गांव के प्रत्येक घरों में तीन से चार सिम कार्ड भूटान की ईताची मोबाइल कंपनी के हैं।

उल्लेखनीय है कि सरलपाड़ा गांव को असम सरकार और बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) प्रशासन ने आदर्श गांव घोषित किया था।

 


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