बाक्सा (असम), 26 जून (हि.स.)। भारत और चीन के बीच उभरे विवाद को आधार पर बनाकर अपने देश के ही वामपंथी विचारक व कुछ मीडिया भारत की छवि को खराब करने की घृणित कोशिशों में जुट गए हैं। चीन, पाकिस्तान के साथ विवाद की आड़ में नेपाल, बांग्लादेश की तस्वीर भारत के विरूद्ध गढ़ने के बाद अब पहाड़ी देश भूटान को भी इसमें लपेटने की कोशिशें की जा रही है।
असम के बाक्सा जिला से लगने वाली भारत-भूटान सीमाई इलाके में गुरुवार को भारतीय स्थानीय किसानों ने एक छोटे से मुद्दे को लेकर भूटान जाने वाले सड़क को अवरूद्ध कर अपना विरोध जताया था। जिसको भारत-भूटान के बीच बड़ा विवाद दिखाते हुए राष्ट्रीय मीडिया में इसको प्रचारित किया गया। इस संबंध में बाक्सा जिला के भारत-भूटान सीमा क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय नागरिक राजू दैमारी, मेघनाथ मुसाहारी (सोशल वर्कर) ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को बताया कि भूटान के चांद्रुप जांखार जिला अंतर्गत बोगाजुली में भारतीय नागरिकों ने खेतों में सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने के लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि, भूटान के चांद्रुप जांखार जिला प्रशासन व भारत की ओर से एसएसबी के अधिकारियों ने तुरंत इस मुद्दे पर चर्चा कर समस्या का समाधान कर लिया।
बाक्सा जिला से लगने वाले कई गांवों के किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए भूटान से निकलने वाली छोटी-छोटी नदियों के पानी को अस्थायी तौर पर पानी की धारा को मोड़कर किसान अपने खेतों में ले आते हैं। यह तरीका लंबे समय से चल रहा है। इसके लिए किसानों को भूटान में जाकर नदियों की धारा को बंद करना होता है। कोरोना महामारी के चलते भूटान सरकार ने देश में किसी के भी प्रवेश करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। अगर कोई भूटान में प्रवेश करता है तो उसे 21 दिनों के लिए एकांतवास में रहना होगा। इसके मद्देनजर भारत के किसान भूटान में जाकर नदियों के पानी को रोक नहीं पा रहे हैं।
भारतीय किसानों के विरोध प्रदर्शन करने के बाद एसएसबी व भूटान प्रशासन के बीच आपसी सहमति के तहत जेसीबी के जरिए नदियों का पानी भूटान प्रशासन ने स्वयं रोककर भारतीय किसानों के खेतों की ओर मोड़ने का आश्वासन दिया, जिसके बाद यह विवाद उसी समय समाप्त हो गया। इस घटना को जान बूझकर भारत में बैठे चीन समर्थकों ने इसे भारत-भूटान के बीच विवाद बताते हुए भारत की एक अलग छवि पेश की जो सच्चाई से पूरी तरह से मेल नहीं खाती है। भूटान सरकार ने पिछले दिनों भूटान आने वाले पर्यटकों पर कुछ शुल्क वसूलने का निर्णय लिया था। इस निर्णय को भी भारत के विरूद्ध पेश करने की कोशिश की गई है।
भूटान सरकार के इस निर्णय का भूटान से सटे भारतीय नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार चांद्रुप जांखार जिला में स्थानीय भारतीय नागरिक सुबह 08 से रात 09 बजे तक प्रवेश कर सकते हैं। साथ ही भारतीयों के पास आईड़ी कार्ड होने पर वे रात को भी उन इलाकों में रूक सकते हैं। हालांकि, कोरोना काल के दौरान भूटान में किसी के भी प्रवेश पर फिलहाल रोक लगाई है।