रमन सिंह ने कहा, छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने पैदा किये आर्थिक इमरजेंसी के हालात
रायपुर, 31 मई (हि.स.)। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मोदी सरकार में कश्मीर से लेकर ट्रिपल तलाक की उपलब्धियां गिनाईं और कोरोना संकट में छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार की बदहाली पर जमकर निशाना साधा।
रमन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए देश के गरीब, मजदूर, किसानों और औद्य़ोगिक घरानों की मदद के लिए 21000 करोड़ दिए हैं लेकिन भूपेश बघेल सरकार छत्तीसगढ़ के मजदूरों के खाते में एक रुपया भी नहीं दे सकी है। कोरोना संकट के बीच क्वारेंटाइन सेंटरों में मजदूरों, गर्भवती औरतों की रहस्मयी परिस्थितियों में मौत पर सवाल करते हुए रमन सिंह ने कहा कि यह राज्य सरकार के लिए बहुत ही शर्मनाक बात है। छत्तीसगढ़ में लोग कोरोना से बचते हुए बाहर से यहां पहुंच रहे हैं लेकिन क्वारेंटाइन सेंटर में किसी की सांप काटने से मौत हो रही है तो कोई आत्महत्या कर रहा है। राज्य में 15 से अधिक लोगों की मौत क्वारेंटाइन सेंटरों में हो चुकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मांग की है कि जिम्मेदार जिला कलेक्टरों और संबंधित अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि मजदूरों के क्वारेंटाइन सेंटरों में इस तरह की मौत सामान्य घटना नहीं है। रमन सिंह ने कहा कि राज्य में आर्थिक आपातकाल की स्थिति आ गई है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार दिवालियापन हो चुकी है लेकिन सरकार इस मामले को छिपा रही है। सरकार कर्मचारियों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती पर रमन सिंह ने कहा कि राज्य के हालात बहुत दयनीय है। वहीं उऩ्होंने मजदूरों के मामले पर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जितने मजदूरों को सरकार गाड़ियों से लाने की बात कर रही है, उससे कहीं अधिक लाखों मजदूर तो पौदल ही आ गए। रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सीएम रिलीफ फंड में कितने पैसे आए और उससे राज्य के कितने गरीब किसान और मजदूरों पर खर्चा किया गया है, इसकी पूरी जानकारी देने की मांग की।