अब भेल की भोपाल यूनिट में बनेंगे सैन्य उपकरण और मेट्रो के कोच.

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-सैन्य व बुलेट ट्रेन के उपकरणों को भेल की भोपाल यूनिट देगी प्राथमिकता : सोबती- भेल के सीएमडी ने किया भोपाल की प्रगति दीर्घा का लोकार्पण- दीर्घा में रखे गए हैं देशभर के भेल यूनिटों में बन रही मशीनों के मॉडल



भोपाल, 28 मई (हि.स.)। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) अब कोयला आधारित प्रोजेक्ट छोड़कर दूसरे नए क्षेत्रों में कदम रखने जा रही है। इसमें हाईस्पीड बुलेट ट्रेन और सैन्य सामग्रियों से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। भोपाल स्थित भेल की यूनिट में अब सेना और बुलेट ट्रेन के उपकरणों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी। यह जानकारी मंगलवार को भेल के प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एवं अध्यक्ष अतुल सोबती ने पत्रकारों से बातचीत में दी। वे यहां प्रगति दीर्घा का लोकार्पण करने के लिए आए थे।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पिपलानी इलाके में स्थित भेल परिसर में नवनिर्मित प्रगति दीर्घा का भेल के सीएमडी अतुल सोबती ने मंगलवार को लोकार्पण किया। इस अवसर पर सीएमडी सोबती ने कहा कि भेल देश के विकास में हमेशा से सहयोग करती रही है। हमने रेलवे के कई प्रोजेक्टों में काम किया है और भारतीय सेना के लिए भी हम काम कर रहे हैं। भेल द्वारा जब देश के लिए इतना काम किया जा रहा है, इसीलिए जानकारी को एक जगह इकट्‌ठा करने का फैसला किया गया। इस प्रगति दीर्घा का निर्माण इसीलिए किया गया है। इसमें देशभर में मौजूद भेल की सभी यूनिटों में बन रही मशीनों को मॉडल के रूप में रखे गए हैं। प्रगति दीर्घा के बाहर देश का सबसे बड़ा ट्रांसफार्मर रखा गया है।

उन्होंने बताया कि इस प्रगति दीर्घा में पॉवर प्रोजेक्ट में उपयोग आने वाले टरबाइन, देश के सबसे बड़े हाई पावर ट्रांसफार्मर, रेल इंजन में लगने वालीं ट्रेक्शन मोटर, रेलवे के लोको इंजन, सोलर पैनल प्लांट सीएनसी मशीनें के मॉडल मौजूद हैं। इसके साथ ही प्रगति दीर्घा में समय-समय पर प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इससे विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को भेल से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां यहां आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। यहां भेल की जानकारी देने के लिए स्टाफ हमेशा मौजूद रहेगा।

इस दौरान उन्होंने भेल की आगामी योजनाओं के बारे में मीडिया से चर्चा की। उन्होंने बताया कि भेल अब पुराने ढर्रे पर नहीं चलना चाहती है। भेल ने रेलवे और सैन्य सामग्रियों से जुड़े प्रोजेक्ट को लेकर काम शुरू किया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भेल को सेना के उपकरणों के साथ ही मेट्रो ट्रेन के उपकरण बनाने के आर्डर भी जल्द ही मिलने लगेंगे। उन्होंने बताया कि भोपाल में बुलेट ट्रेन और सैन उपकरणों के निर्माण का प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए हमने भोपाल में जगह भी निर्धारित कर दी है।

उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे का जापान की कावासाकी कंपनी से बुलेट ट्रेन के उपकरण बनाने को लेकर समझौता हो गया है और टेंडर प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने वाली है। भेल इस टेंडर को हासिल कर इस प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लेगा। उन्हें उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट भेल को ही मिलेगा।


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