उन्होंने बताया कि इस प्रगति दीर्घा में पॉवर प्रोजेक्ट में उपयोग आने वाले टरबाइन, देश के सबसे बड़े हाई पावर ट्रांसफार्मर, रेल इंजन में लगने वालीं ट्रेक्शन मोटर, रेलवे के लोको इंजन, सोलर पैनल प्लांट सीएनसी मशीनें के मॉडल मौजूद हैं। इसके साथ ही प्रगति दीर्घा में समय-समय पर प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इससे विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को भेल से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां यहां आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। यहां भेल की जानकारी देने के लिए स्टाफ हमेशा मौजूद रहेगा।
इस दौरान उन्होंने भेल की आगामी योजनाओं के बारे में मीडिया से चर्चा की। उन्होंने बताया कि भेल अब पुराने ढर्रे पर नहीं चलना चाहती है। भेल ने रेलवे और सैन्य सामग्रियों से जुड़े प्रोजेक्ट को लेकर काम शुरू किया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भेल को सेना के उपकरणों के साथ ही मेट्रो ट्रेन के उपकरण बनाने के आर्डर भी जल्द ही मिलने लगेंगे। उन्होंने बताया कि भोपाल में बुलेट ट्रेन और सैन उपकरणों के निर्माण का प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए हमने भोपाल में जगह भी निर्धारित कर दी है।
उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे का जापान की कावासाकी कंपनी से बुलेट ट्रेन के उपकरण बनाने को लेकर समझौता हो गया है और टेंडर प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने वाली है। भेल इस टेंडर को हासिल कर इस प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लेगा। उन्हें उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट भेल को ही मिलेगा।