लखनऊ, 16 जनवरी (हि.स.)। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को यहां अपने संसदीय क्षेत्र में मध्य कमान के बेस अस्पताल की जमीन पर न्यू कमाण्ड अस्पताल की आधारशिला रखी। इस अवसर पर सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य कमान सेनाध्यक्ष ले. जनरल आईएस धूमन भी मौजूद रहे। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने भारत-चीन के तनाव के दौरान सेना के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने करिश्माई काम किया है। वहीं उन्होंने न्यू कमांड हॉस्पिटल प्रोजेक्ट के लगभग बीस वर्षों से रुके होने के बाद अब शुरू होने पर प्रसन्नता जतायी।
न्यू कमांड हॉस्पिटल उप्र के विकास यात्रा की कड़ी
रक्षा मंत्री ने कहा कि इंडो चाइना स्टैंड ऑफ के दौरान भारतीय सेना ने जो करिश्माई काम किया है, उससे सारे देश का हौसला बढ़ा है और सारे देशवासियों का मस्तक ऊंचा हुआ है। वहीं उन्होंने राजधानी में न्यू कमांड हॉस्पिटल के शिलान्यास को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की यात्रा पर तेजी के साथ चल पड़ा है, न्यू कमांड हॉस्पिटल उसी यात्रा की एक और कड़ी है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े हुए सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
गुजरा साल बाधाओं का, नया साल समाधान का
रक्षा मंत्री ने कहा कि नए वर्ष में यह नया निर्माण हमें संदेश देता है यदि हमारा पिछला साल बाधाओं का साल रहा तो निश्चित रूप से यह वर्ष समाधान का साल होगा। पिछला साल यदि हमारा निराशा का वर्ष रहा तो निश्चित रूप से यह वर्ष हमारे लिए एक उत्साह का वर्ष होगा। उन्होंने कहा कि लखनऊ में सेंट्रल कमांड होने के कारण देश के एक बड़े हिस्से के साथ-साथ नेपाल से भी सेना अफसर, जवान, उनके परिवार के सदस्य यहां इलाज के लिए आते हैं। उनकी सेवा की जिम्मेदारी का निर्वहन कमांड हॉस्पिटल यहां पर करता है।
20 वर्षों से न्यू कमांड अस्पताल को लेकर हो रहा था प्रयास, 2018 में मिली मंजूरी
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज जब हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नए भारत के निर्माण की बात करते हैं, तो नए कमांड हॉस्पिटल का निर्माण क्यों नहीं होना चाहिए और आज इस नए कमांड हॉस्पिटल के शिलान्यास का सिलसिला यहां से प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि लम्बे समय तक इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही थी। बताया गया है कि 20 वर्षों से लगातार प्रयत्न हो रहा था कि यहां पर न्यू कमांड हॉस्पिटल बन जाए। लेकिन, तरह तरह की बाधाएं इसमें पैदा हो रही थी। इसके बाद सेना की ओर से 2018 में इसे मंजूरी दी गई। अब यह सारी बाधाएं दूर कर दी गई है। रक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया कि अब जल्द से जल्द न्यू कमांड हॉस्पिटल का निर्माण सम्पन्न हो जाएगा।
प्रोजेक्ट में वृक्षों को नुकसान नहीं पहुंचाने पर जतायी प्रसन्नता
रक्षामंत्री ने इस मौके पर दिखाये गए प्रस्तुतीकरण को लेकर कहा कि जहां न्यू कमांड हॉस्पिटल बन रहा है, वहां पर जो वृक्ष लगे हैं उसमें अधिकांश वृक्ष काटे नहीं जा रहे हैं, ताकि पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल असर ना पड़े। बल्कि उनका री-लोकेशन किया जा रहा है। यह प्रसन्नता की बात है, इसके लिए सभी को हार्दिक बधाई।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आपदा से निपटने के प्रयास किए गए प्रारंभ
रक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट से सभी वाकिफ हैं। भारत ही नहीं सारी दुनिया इस संकट से अभी भी जूझ रही है। क्या कभी किसी ने सोचा था कि ऐसी महामारी इस देश में आएगी कि हम बिना धूमधाम, दोस्तों और सम्बन्धियों के होली, दीपावली और ईद का त्यौहार मनाएंगे। लेकिन, कोरोना ने ऐसे हालात पैदा कर दिए। हमने कभी सोचा नहीं था कि ऐसे भी हालात इस देश में पैदा होंगे कि सारी रेलगाड़ियां ठप हो जाएंगी, जहाजों का आवागमन रुक जाएगा, बाजार और स्कूल बंद हो जाएंगे और यह सारा का सारा कार्य एक दिन में ही एक झटके में हो गया।
उन्होंने कहा कि लेकिन, प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस आपदा के आने के साथ इससे निपटने के प्रयास भी प्रारंभ कर दिए गए। हिम्मत, साहस और सूझबूझ के साथ इस महामारी की चुनौती को प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया। उन्होंने इस चुनौती से निपटने के लिए क्या क्या कदम उठाए जाने चाहिए उस पर गंभीरता से विचार किया। रक्षामंत्री ने कहा कि एक सप्ताह में दो-तीन बैठकें प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए बराबर की।
मास्क-वेंटिलेटर पर्याप्त संख्या में बनाकर किया जा रहा निर्यात
उन्होंने कहा कि जिस समय हमारे सामने यह संकट आया था, उस समय सबसे बड़ी चुनौती टेस्टिंग लैब की थी। आज इनकी संख्या हजार से ज्यादा है। महामारी के दौरान भारत ने तत्परता दिखाई और सूझबूझ का परिचय दिया। आज मास्क और वेंटिलेटर पर्याप्त संख्या में बनाकर केवल देशवासियों की ही सेवा नहीं की जा रही बल्कि दुनिया के दूसरे देशों को भी इसका निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि और ऐसे हालात हम लोगों ने महज चन्द महीनों के अंदर ही पैदा किए। यह कोई छोटी कामयाबी नहीं है।
चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ के बिना धरा रहा जाता इंफ्रास्ट्रक्चर
रक्षा मंत्री ने कहा कि लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर हमने भले ही खड़ा कर दिया हो। पर, अगर चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ नहीं होता, जिन्हें हम बराबर कोरोना योद्धा के रूप में जानते हैं और इन्होंने जोखिम न उठाया होता तो यह सारा इंफ्रास्ट्रक्चर धरा का धरा रह जाता। हम इस चुनौती का मुकाबला नहीं कर सकते थे। इसीलिए शायद हम चिकित्सक को इस धरती पर दूसरा भगवान मानते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम लोगों के लिए खुशी की बात है कि वैक्सीनेशन का सिलसिला आज से शुरू हो गया है। हमने दो स्वदेशी वैक्सीन बना ली हैं और चार वैक्सीन और आने वाली हैं। ये वैक्सीन केवल भारतवासियों को ही नहीं लगाई जाएंगी बल्कि दुनिया के दूसरे देशों को भी जल्दी ही निर्यात की जाएंगी।
मेडिकल में रिसर्च डेवलपमेंट को दिया जा रहा बढ़ावा
रक्षा मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा। दीन दयाल भी कहते थे मनुष्य तन, मन, बुद्धि, आत्मा से मिलकर बने हैं। इनके स्वास्थ्य की चिंता और संतुलन बना रहना चाहिए। आज भी उतने अस्पताल नहीं हैं, जितने चाहिए। उन्होंने कहा कि जीडीपी में भी हेल्थ सेक्टर में वृद्धि कर रहे हैं। इसके साथ ही मेडिकल में रिसर्च डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान जैसी योजना दुनिया में नहीं है। दो साल में 1.5 से ज्यादा लोगों को लाभ मिला है। प्राइमरी हेल्थ सेंटर को हेल्थ ऐंड वेलनेस सेन्टर की तरह विकसित कर रहे हैं। हर जिले में एक पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज होगा। 22 नए एम्स 6 महीने में बन गए। एमबीबीएस की 30,000 सीटें बढ़ाई गई हैं। उन्होंने निर्धारित समय मे अस्पताल बनकर तैयार होने की कामना की।
मध्य कमान का सबसे बड़ा होगा सैन्य अस्पताल
न्यू कमांड हॉस्पिटल 788 बेड का होगा, जिसमें 100 इमरजेंसी बेड अलग से होंगे। इससे छह लाख जवान और परिवार को फायदा मिलेगा। यह हॉस्पिटल नर्सिंग और डेंटल कॉलेज की तरह काम करेगा। लगभग 500 करोड़ की लागत से बनने वाला सेना का यह अस्पताल लगभग चार वर्ष में पूरा होगा। छावनी में बनने वाला मध्य कमान का यह 17 मंजिला देश का सबसे बड़ा सैन्य अस्पताल होगा।
कोराना टीकाकरण के साथ न्यू कमांड अस्पताल के कार्यक्रम से खुशी दोहरी: योगी आदित्यनाथ
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरी दुनिया जिस महामारी से त्रस्त थी, उसके खिलाफ टीकाकरण शुरू हो गया है। न्यू कमांड अस्पताल के भूमि पूजन व शिलान्यास कार्यक्रम से खुशी दोहरी हुई है। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारतीय सेना अपने शौर्य व पराक्रम के लिए जानी जाती है। सेना की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भारत सरकार ने अपने स्तर पर हर सुविधाएं प्रदान की हैं। यह सुविधाएं जवानों के परिवारों को सेवाकाल व उसके बाद भी मिल रही हैं। आर्मी कमांडर के प्रयासों से आज लम्बित परियोजना मूर्तरूप लेती दिखाई दे रही है, उन्हें व उनकी पूरी टीम को हृदय से बधाई व धन्यवाद। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में हम सहभागी बनेंगे।
कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं उपयोगिता का हुआ एहसास
उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं स्वास्थ्य सेवाओं की उपयोगिता कितनी महत्वपूर्ण होती है। पिछले 10 महीनों के दौरान कोरोना से जूझ रही दुनिया और देश को हम सब लोगों ने बेहतर प्रबंधन के माध्यम से एक नया संदेश दिया है। लखनऊ जैसे राजधानी क्षेत्र में न्यू कमांड हॉस्पिटल की उपयोगिता हम लोग अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सेना से लगातार मिला सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान उत्तर प्रदेश में कोरोना प्रबंधन के लिए बेहतरीन प्रयास में हम लोगों को सेना से निरंतर सहयोग प्राप्त होता रहा। सेना और सिविल प्रशासन का आपसी बेहतर समन्वय इस वैश्विक महामारी में देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य को सुरक्षित रखने में बेहद मददगार साबित हुआ। उन्होंने कहा कमांड हॉस्पिटल ने पहले से ही लखनऊ के एसजीपीजीआई, केजीएमयू आरएमएल इंस्टिट्यूट के साथ एमओयू किए हैं। इसके साथ ही साथ जहां पर भी बेस हॉस्पिटल, कमांड हॉस्पिटल हैं, उन जनपदों के भी महत्वपूर्ण संस्थानों के साथ बेहतर तालमेल करते हुए सिविल प्रशासन ने सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए बेहतर बेहतर सुविधा देने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत ही अभिनंदनीय और अनुकरणीय उदाहरण है।
रक्षा सेनाओं की हर अपेक्षा को सरकार करेगी पूरा
उन्होंने कहा कि सेना का अनुशासन, सेना का धैर्य और संयम, सेना की व्यवस्था सिविल प्रशासन को भी नया करने, नए उत्साह के साथ आगे पढ़ने के लिए निरंतर प्रेरित करती है। उन्होंने कहा हम लोग मिलकर इस पूरी व्यवस्था को आगे बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि रक्षा और सिविल प्रशासन इस पूरी व्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। सिविल प्रशासन से रक्षा सेनाओं को जो भी अपेक्षा होगी, उपलब्ध कराया जाएगा।