भीमा कोरेगांव: जस्टिस रविन्द्र भट्ट भी गौतम नवलखा मामले की सुनवाई से हुए अलग

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जस्टिस भट्ट से पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ,जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस बी आर गवई अर्जी पर सुनवाई से खुद को अलग कर चुके हैं।



नई दिल्ली, 03 अक्टूबर (हि.स.)। भीमा कोरेगांव केस मामले में अब जस्टिस रविन्द्र भट्ट ने भी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की अर्जी पर सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया है। अभी तक पांच जज इस अर्जी पर सुनवाई से ख़ुद को अलग कर चुके हैं।
जस्टिस भट्ट से पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ,जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस बी आर गवई अर्जी पर सुनवाई से खुद को अलग कर चुके हैं।
गौतम नवलखा ने बांबे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। बांबे हाईकोर्ट ने कहा था कि पहली नजर में यह पाया गया है कि नवलखा के खिलाफ सबूत मौजूद हैं। इसी के आधार पर कोर्ट ने मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया।
भीमा-कोरेगांव मामले और माओवादियों के साथ कथित संबंध के लिए गौतम नवलखा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि अगर बांबे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ8 गौतम नवलखा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हैं तो कोई भी फैसला करने से पहले महाराष्ट्र सरकार का भी पक्ष सुना जाए।

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