भीमा कोरंगांव जांच आयोग का कार्यकाल 5वीं बार बढ़ाया गया

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आयोग का वेतन लंबित करने की विभागीय जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीकांत सिंह को सौंपी गई



मुंबई, 02 फरवरी (हि.स.)। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि भीमा कोरेगांव जांच आयोग का कार्यकाल दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। जांच आयोग की बकाया वेतन राशि भी तत्काल दी गई है। आयोग का वेतन लंबित करने की विभागीय जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीकांत सिंह को सौंपी गई है।

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच के लिए पिछली सरकार ने पूर्व न्यायाधीश जे एन पटेल की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित किया था। इस जांच आयोग में पूर्व मुख्य सचिव सुमीत मलिक भी सदस्य थे। इस जांच आयोग के लिए 65 लाख रुपये वेतन आदि खर्च की मंजूरी दी गई थी लेकिन आयोग को नवंबर महीने से राज्य सरकार की ओर से पैसे नहीं दिए गए थे। इसलिए जांच आयोग के अध्यक्ष जेएन पटेल ने राज्य सरकार को पत्र लिखा था। जांच आयोग के पत्र के बाद गृहमंत्री ने गृह विभाग व वित्त विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई और आयोग को पैसा न देने वाले अधिकारी की जांच का आदेश दिया है। भीमा कोरेगांव जांच आयोग का कार्यकाल 8 फरवरी को समाप्त हो रहा था। अब दो माह की बढ़त मिलने के बाद इसका कार्यकाल 8 अप्रैल तक होगा। अब तक इस आयोग का कार्यकाल 5वीं बार बढ़ाया गया है।
उल्लेखनीय है कि पुणे जिले में भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी 2018 को विजय जुलूस निकालते समय हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस विजय जुलूस से पहले यहां एलगार परिषद का आयोजन किया गया था। पिछली सरकार ने इन मामलों की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश जेएन पटेल की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित किया था।

 


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