भंवरीदेवी अपहरण एवं हत्याकांड: महिपाल को छोड़ छह आरोपितों को मिली हाईकोर्ट से जमानत

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जोधपुर, 10 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण एवं हत्याकांड में मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट में छह आरोपितों को जमानत मिल गई। वहीं पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। इस पर अब 23 अगस्त को सुनवाई होगी।

उल्लेखनीय है कि बहुचर्चित भंवरीदेवी अपहरण एवं हत्याकांड मामले में कुछ दिनों पहले परसराम विश्रोई को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। ऐसे में इन लोगों की जमानत की आस भी बंध गई थी। महिपाल मदेरणा अभी कैंसर की बीमारी का इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं।

परसराम को इन शर्तों पर मिली थी जमानत:

उल्लेखनीय है कि इस कांड के आरोपी परसराम विश्नोई को 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत प्रदान की थी कि ट्रायल में विलम्ब होने के कारण किसी व्यक्ति को अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद नहीं रखा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम मानते हैं कि यह मामला बेहद गंभीर व जघन्य अपराध से जुड़ा है। लेकिन ट्रायल में हो रहे विलम्ब के कारण किसी आरोपित को अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद रखना उचित नहीं होगा।

हाइकोर्ट में लगाई जमानत याचिका:

सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले को आधार बना महिपाल मदेरणा, ओमप्रकाश, पुखराज, दिनेश, सहीराम, उमेशाराम व अशोक ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। मंगलवार को न्यायाधीश दिनेश मेहता ने इन जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। उन्होंने महिपाल मदेरणा के अलावा अन्य सभी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। ये लोग करीब 10 साल बाद जेल से बाहर आएंगे। मदेरणा इन दिनों अपनी बीमारी के चलते इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं। उनकी अंतरिम जमानत की अवधि 23 अगस्त को पूरी हो रही है।

ये आरोप थे छह आरोपितों पर:

इस पूरे घटनाक्रम में बताया गया कि सहीराम व उमेशाराम पर आरोप है कि उसने भंवरी को ठिकाने लगाने वाली विशनाराम की गैंग व तत्कालीन मंत्री महिपाल मदेरणा के बीच संपर्क का कार्य किया। घटना के समय वह अपनी लोकेशन जोधपुर से बाहर दर्शाने के लिए जयपुर में महिपाल के मकान के आसपास मंडराता रहा। इसी तरह ओमप्रकाश व अशोक पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर भंवरी के शव को जलाने के लिए लकडिय़ों सहित तेल का इंतजाम किया। बाद में उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहाने में सहयोग किया। वहीं, दो अन्य आरोपित पुखराज व दिनेश पर भंवरी को मारने में शामिल लोगों के मोबाइल की फर्जी सिम उपलब्ध करवा कर उनकी लोकेशन को अन्य स्थान पर दर्शाने में सहयोग देने का आरोप है। इसके अलावा दोनों पर जोधपुर के सर्किट हाउस से एक नेता के पास से पांच लाख रुपये ले जाने का आरोप है।

अब आठ आरोपित जेल में :

इस कांड में अब जेल में आठ आरोपित है। जिनमें पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्रोई, उनकी बहन इंद्रा देवी, विश्रानराम विश्रोई वहीं पांच अन्य लोग शामिल है। इसमें अब तक 17 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।

यह था मामला:

उल्लेखनीय है कि जिले के बिलाड़ा थाने में अमरचंद नाम के एक व्यक्ति ने एक सितम्बर 2011 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी एएनएम भंवरी देवी लापता है। साथ ही उसने अपनी पत्नी के अपहरण की आशंका जताते हुए तत्कालीन राज्य सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा सहित दो-तीन लोगों पर शक जाहिर किया। इसके बाद यह मामला राजनीति में भूचाल लाने के साथ सुर्खियों में आ गया था।


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