पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि चार अगस्त को कृष्ण मोहन तिवारी ने विधायक विजय मिश्र, एमएलसी पत्नी रामलली मिश्र और बेटे विष्णु मिश्र पर धनापुर आवास को जबरिया वसीयतनामा लिखवाने का आरोप लगाया था। विधायक इसी मकान में रहते थे। उन पर मकान को जबरिया कब्जा करने का आरोप था। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद कृष्ण मोहन तिवारी का अदालत में कलमबंद बयान दर्ज कराया था। जिसके बाद विधायक को लग रहा था कि अब उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। विधायक महाल दर्शन को गए थे वापसी के दौरान आगर- मालवा पुलिस ने उन्हें वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ने बताया है कि विधायक को लेने पुलिस मध्यप्रदेश रवाना हो चुकी है। विधायक की एमएलसी पत्नी रामलली के प्रयागराज से गायब होने की बात को गलत बताया है। एसपी ने कहा है कि गिरफ्तारी के भय से बचने के लिए गायब हैं। विधायक पर हाल के दो मुकदमों को लेकर कुल 73 आपराधिक मुक़दमें दर्ज हैं। हालांकि इसमें अधिकांश मुकदमों में विजय मिश्र को क्लीन चिट मिल चुकी है। इसी आपराधिक मुक़दमें में यूपी सरकार में मंत्री नंदगोपाल नन्दी पर हमले का भी मामला है। 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी तरफ़ से दिए गए शपथ पत्र में 16 आपराधिक मुकदमों का उल्लेख था। जिसमें हत्या के प्रयास और आपराधिक साज़िश रचने जैसे गम्भीर आरोप भी हैं। वैसे विधायक हमेशा इन मुकदमों को बेबुनियाद बताते हुए विरोधियों की साजिश बताते रहे हैं। इनमें भदोही, प्रयागराज, मिर्जापुर, मेरठ और हावड़ा शामिल है। सबसे अधिक मुक़दमें भदोही और प्रयागराज में दर्ज हैं।
पूर्वांचल के बाहुबली विधायक विजय मिश्र की मुश्किलें योगी सरकार में बढ़ती दिखती हैं। एक माह के भीतर अब तक विधायक उनकी पत्नी और बेटे पर दो मुक़दमें दर्ज हो चुके हैं। भतीजे मनीष मिश्र से परिवार में छिड़ी जंग उनकी परेशानी को और बढ़ा रहीं है। पुलिस की तरफ़ से विधायक कसती लगाम के बाद अब तक उनके कई वीडियो वायरल हो चुके हैं। जिसमें उन्होंने कहा है ब्राह्मण होने के नाते मेरे खिलाफ हत्या की साजिश रची जा रहीं है। मेरी हत्या हो सकती है। हम इस सरकार में ख़ुद आत्महत्या करना चाहते है। पुलिस मेरी गिरफ्तारी की साजिश रच रहीं है। यह सब आगामी जिला पंचायत चुनाव से मुझे बेदखल करने कि साजिश रची जा रहीं है। आखिरकार उनकी आशंका सच निकली और मध्यप्रदेश से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।