बेगूसराय में एम्स की मांग तेज, राज्यसभा में भी उठा है मामला
चुनाव प्रचार के समय भी लोगों ने प्रो राकेश सिन्हा के समक्ष एम्स का मामला उठाया था जिसके बाद सोमवार को प्रो सिन्हा ने राज्यसभा में बेगूसराय में एम्स खोलने की मांग की है। प्रो सिन्हा ने कहा है कि कि उत्तर बिहार की आबादी कृषि पर आधारित है और आज भी इन्हें समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
बेगूसराय,25जून (हि.स.)। बेहतर कनेक्टिविटी के कारण पूर्वोत्तर बिहार का मेडिकल हब बन चुके बेगूसराय में एम्स खोलने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। राज्यसभा सांसद और बेगूसराय के प्रो राकेश कुमार सिन्हा ने संसद के माध्यम से सरकार तक बेगूसराय में एम्स खोलने की जरूरत बताई है इसके बाद लोगों ने भी मुहिम छेड़ दी है।
लंबे समय से एम्स की मांग करने वाले राजीव कुमार, मुकेश विक्रम आदि का कहना है कि बेगूसराय वासी लंबे समय से एम्स की मांग कर रहे हैं। कई बार मंत्रालय तक मांग रखी जा चुकी है। अब जबकि संसद में मामला उठाया गया तो सरकार जल्द से जल्द पहल करे। इसके साथ ही भाजपा के तमाम नेता और कार्यकर्ता सोशल मीडिया के माध्यम से मांग का समर्थन कर रहे हैं।
बता दें कि चुनाव प्रचार के समय भी लोगों ने प्रो राकेश सिन्हा के समक्ष एम्स का मामला उठाया था जिसके बाद सोमवार को प्रो सिन्हा ने राज्यसभा में बेगूसराय में एम्स खोलने की मांग की है। प्रो सिन्हा ने कहा है कि कि उत्तर बिहार की आबादी कृषि पर आधारित है और आज भी इन्हें समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। लगातार बाढ़ और सुखाड़ के कारण अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती रहती है। पूर्वोत्तर बिहार में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं है जो इतनी बड़ी आबादी को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवा सके जिसके कारण निजी अस्पताल में सुबह से रात तक मरीजों की कतार लगी रहती है।
उन्होंने कहा है कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल में सरकार में स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रही है, इस क्षेत्र में बुनियादी काम भी हुए। बेगूसराय की रेल एवं रोड के माध्यम से दर्जनभर जिला से वेल कनेक्टिविटी है। एम्स खुलने से बेहतर इलाज के साथ बुखार समेत अन्य क्षेत्रीय बीमारी पर रिसर्च कर निजात भी पायी जा सकेगी ।
बताते चलें कि बेगूसराय उत्तर ही नहीं पूर्वी बिहार का भी मेडिकल हब है। यहां बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, मुंगेर, सहरसा, कटिहार एवं किशनगंज तक के मरीज आते हैं।