जम्मू 09 अक्टूबर (हि.स.)। नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के बाद अब कांग्रेस ने भी जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे ब्लाक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) चुनावों में भाग न लेने की औपचारिक घोषणा कर दी है। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान जीए मीर ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सामने यह घोषण की। मीर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह यह चुनाव केवल एक ही पार्टी के फायदे के लिए करवा रही है। यदि ऐसा नहीं होता तो चुनाव की घोषणा के बाद भी विपक्षी दलों के नेताओं को पाबंदियों के बीच नहीं रखा होता।
इस मौके पर मीर ने कहा कि कश्मीर घाटी में अभी भी उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद रखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार अपने निजि स्वार्थों के लिए जल्दबाजी में चुनाव करवा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के नेता चुनावों में भाग लेना चाहते थे परंतु केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद भाजपा को छोड़ अन्य पार्टियों के नेताओं के लिए ऐसे हालात बना दिए हैं कि वे न तो अपने लोगों के बीच जा सकते हैं और न ही पार्टी के हित में प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।
मीर ने कहा कि वह कश्मीर घाटी का दौरा कर आए है और घाटी के हालात का जायजा भी लिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में इंटरनेट सेवा बंद है, दुकानें बंद है, पिछले चार दिनों से बच्चे स्कूल नहीं जा पाए हैं। यह सब बातें यह साबित करती है कि कश्मीर घाटी में हालात बहुत खराब हैं। कश्मीर घाटी में खराब हालात के बावजूद कांग्रेस ने चुनाव में भाग लेने का फैसला किया था लेकिन कांग्रेस के कई नेता नजरबंद होने के कारण चुनावों में भागीदारी करना संभव नहीं हो पा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में पहली बार ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव 24 अक्टूबर को होने जा रहे हैं। बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम दिन था।