अब अपने ‘गुरु’ की कुर्सी संभालेंगे प्रिंस ऑफ कोलकाता

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बीसीसीआई के बॉस बनकर इतिहास बनायेंगे बंगाल टाइगर सौरव गांगुली



नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। कप्तान के तौर पर भारतीय क्रिकेट टीम का चेहरा बदल देने वाले सौरव गांगुली अगर बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष बनते हैं तो वे भारतीय क्रिकेट इतिहास के दूसरे ऐसे कप्तान बन जाएंगे जिसने भारतीय टीम की कप्तानी के साथ बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली है। फिलहाल बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष पद संभाल रहे सौरव गांगुली को 23 अक्टूबर तक उस कुर्सी का इन्तजार करना होगा जिस पर कभी उनके प्रशासनिक गुरु जगमोहन डालमिया बैठते थे। बीसीसीआई अध्यक्ष पद के नामांकन के बाद सौरव गांगुली ने उन्हें ख़ासतौर पर याद भी किया।
बंगाल का टाइगर कहे जाने वाले 47 वर्षीय सौरव गांगुली का बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुना जाना लगभग तय हो गया है। 23 अक्टूबर को उनके नाम की विधिवत घोषणा होगी। टीम इंडिया का कप्तान रहते अपनी विशिष्ट छाप छोड़ने वाले प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से मशहूर सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में कितना कुछ कर पाते हैं, यह उनके लगभग 10 माह के कार्यकाल में पता चलेगा। अगले साल जुलाई 2020 के बाद सौरव गांगुली बीसीसीआई के नये संविधान के मुताबिक `कूलिंग ऑफ पीरियड’ में चले जाएंगे।
चयन से पहले का घटनाक्रम
मुंबई में बीसीसीआई का नया अध्यक्ष चुनने को लेकर बुलायी गयी बैठक में सौरव गांगुली का नाम तय होने से पहले खूब रस्साकशी हुई। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और एन श्रीनिवास के गुट के पास इस पद के लिए अपने-अपने नाम थे। आखिरकार गांगुली अपने प्रतिस्पर्धी बृजेश पटेल पर भारी पड़े। हालांकि ब्रजेश पटेल इस जोर-आजमाइश में पूरी तरह से हार गए, अगर आप ऐसा सोचते हैं तो गलत है। इसी बैठक में ब्रजेश पटेल को आईपीएल चेयरमैन का ओहदा दिए जाने पर सहमति बन गयी है।
गांगुली बनाम पटेल
ब्रजेश पटेल भी भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने 21 टेस्ट और 10 वनडे मैच भी खेले हैं। दाएं हाथ के बल्लेबाज रहे ब्रजेश पटेल भारतीय विश्पकप टीम का हिस्सा भी रहे हैं लेकिन बीसीसीआई के प्रशासनिक पद के मैदान में बाएं हाथ के बल्लेबाज रहे सौरव गांगुली उन पर भारी रहे। दिलचस्प बात यह है कि ब्रजेश पटेल ने 21 टेस्ट मैच खेले हैं और सौरव गांगुली ने टीम इंडिया का कप्तान रहते हुए 49 टेस्ट मैचों में 21 में जीत हासिल की। गांगुली ने 113 टेस्ट मैचों में 7212 रन बनाए जबकि 311 वनडे मैच में 11363 रन बनाए।
मुश्किल वक़्त में संभाली कप्तानी
सौरव गांगुली ऐसे समय में इस पद को संभालने जा रहे हैं जब बीसीसीआई की छवि पर सवाल उठते रहे हैं। अपनी ताजपोशी से पूर्व सौरव गांगुली ने भी इसका ज़िक्र किया। फैंस के बीच लोकप्रिय रहे दादा बीसीसीआई का अध्यक्ष पद जिन परिस्थितियों में संभालने जा रहे हैं, क्रिकेट प्रेमियों को वह मुश्किल वक़्त भी याद आ गया जब गांगुली ने टीम इंडिया की कप्तानी संभाली थी। साल था 2000। क्रिकेट जगत पर मैच फिक्सिंग का कलंक साया मंडरा रहा था। भारतीय क्रिकेट टीम पर इसकी कालिमा गहरी थी। सचिन तेंदुलकर ने अपनी अनिच्छा और स्वास्थ्य कारणों से कप्तानी छोड़ दी। मुश्किल यह थी कि टीम की कमान आखिरकार कौन संभाले, जो टीम इंडिया को फिक्सिंग के दाग़-धब्बे से बाहर निकालकर ले जाए। ऐसे में टीम के उप कप्तान सौरव चंडीदास गांगुली की इस पद पर ताजपोशी हुई। उसके बाद उन्होंने बल्लेबाजी के साथ-साथ टीम के कप्तान के रूप में ऐसा चमकता इतिहास गढ़ दिया, जो नजीर बन गया।
प्रतिभा पहचानने में माहिर
बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से पहले सौरव गांगुली ने स्पष्ट किया है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट उनकी पहली प्राथमिकता होगी। क्रिकेटरों के वित्तीय हितों का ध्यान रखते हुए रणजी ट्रॉफी क्रिकेट पर विशेष ख़याल रखेंगे। सौरव गांगुली का यह रुख भी कुछ वैसा ही जैसे उन्होंने टीम इंडिया की कप्तानी के दौरान किया था। प्रतिभाओं को पहचानने में माहिर रहे गांगुली ने अपनी कप्तानी के दौरान युवराज, हरभजन सिंह, सहवाग और यहां तक कि धोनी तक को भरपूर अवसर दिए। गांगुली की कप्तानी में तब के ये युवा खिलाड़ी भविष्य में लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा बने।
टीम की कप्तानी और बीसीसीआई बॉस
सौरव गांगुली ऐसे बीसीसीआई के अध्यक्ष बनेंगे जिन्होंने टीम इंडिया की कप्तानी भी की। गांगुली से पहले केवल विज्जी के नाम से मशहूर सर विजय आनंद गजपति राजू ही ऐसे बीसीसीआई अध्यक्ष रहे जिन्होंने टीम की कप्तानी भी की थी। उनके लंबे समय बाद 2014 में सुनील गावस्कर बोर्ड के पूर्णकालिक नहीं बल्कि अंतरिम अध्यक्ष रहे हैं।
बीसीसीआई का इतिहास
बीसीसीआई का गठन देश की आज़ादी से पूर्व 1928 में हुआ। इसका मुख्यालय मुंबई में है। यह क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था है जो देश में क्रिकेट मैच के आयोजन या उसे नियंत्रित करती है। यह राज्य क्रिकेट संघों का प्रतिनिधित्व करती है और इसे इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की मान्यता हासिल है।

 


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