सीआरपीएफ की नौकरी छोड़ बायोफ्लॉक सिस्टम से मत्स्य पालन को बढ़ावा दे रहे हैं राजीव

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सिस्टम सीखने आ रहे हैं बिहार, बंगाल और नेपाल के मत्स्य पालक पोखर और तालाब के बदले 33 टैंक में हो रहा है पांच क्विंटल मछली उत्पादन 



बेगूसराय, 02 दिसम्बर(हि.स.)। बेगूसराय में एक जुझारू युवक ने सीआरपीएफ की नौकरी छोड़कर बायोफ्लॉक सिस्टम के तहत मछली उत्पादन शुरू किया है। इस मछली उत्पादन से जवान ना सिर्फ खुद लाखों रुपये कमा रहा है बल्कि युवाओं को इस नई टेक्नोलॉजी से जोड़कर मत्स्य पालन के लिए प्रेरित भी कर रहा है। नौकरी से इस्तीफा देकर बायोफ्लॉक सिस्टम से मछली उत्पादन शुरू करने वाले तेघड़ा प्रखंड के पिढ़ौली निवासी राजीव कुमार आज एक ओर मछली उत्पादन कर लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर मछली उत्पादन व्यवसाय से जुड़े तथा जुड़ने वाले लोगों के लिए राजीव प्ररेणा बन गए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार से एक विशेष बातचीत में राजीव कुमार ने बताया कि फिलहाल सात कट्ठा जमीन में 33 टैंक बनाकर मछली का उत्पादन कर रहे है। हर टैंक से छह माह में लगभग पांच सौ किलो से अधिक मछली का उत्पादन हो रहा है। उनका लक्ष्य एक सौ टैंक बनाकर मछली उत्पादन करने का है तथा इस दिशा में वह लगातार कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मछली पालन के लिए पोखर या तालाब की जगह छोटी जमीन में भी टैंक बनाकर किसान मछली का उत्पादन कर लाखों रुपये कमा सकते हैं। इस सिस्टम से मछली उत्पादन करने से किसानों की आमदनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुसार दोगुनी ही नहीं, बल्कि छह गुनी हो जाएगी। सामान्य विधि से मछली पालन के बदले बायोफ्लॉक माध्यम से कम जगह का इस्तेमाल कर आठ से दस गुणा अधिक मछली का उत्पादन किया जा सकता है। इससे किसानोंं की समृद्धि के द्वार खुलेंगे। कम लागत में अच्छा मुनाफा होगा तो किसान परिवार सशक्त होगा। बायोफ्लॉक माध्यम से मछली के स्वास्थ्य को आसानी से नियंत्रित कर सालों भर समान रूप से उत्पादन लिया जा सकता है। यह कम स्थान एवं कम पानी में मत्स्य उत्पादन की विधि है जिसमें मछली के भोजन का बेहतर प्रबंधन कर उत्पादन लागत में कमी की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि राजीव के इस बायोफ्लॉक सिस्टम की ख्याति बिहार से नेपाल तक, पश्चिम बंगाल से लेकर मध्य प्रदेश तक फैल चुकी है। सिस्टम को सीखने के लिए बिहार, बंगाल और नेपाल से भी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। आत्मा द्वारा भी जिले के किसानों को बराबर यहां लाकर सिस्टम के तथ्यों से अवगत कराया जा रहा है।
इस संबंध में बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि वे और उनका विभाग किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन राजीव कुमार ने बगैर किसी सरकारी मदद के इस सिस्टम से लाखों रुपये की कमाई की है और लोगों के लिए वे प्रेरणादायक हैं। छोटी जमीन में मछली का उत्पादन करने का यह प्रोजेक्ट काबिले तारीफ है। इस सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार मिलकर काम करेगी जिससे लोगों में जागरुकता आएगी, मछली का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी । सरकार मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी विकसित करने के साथ लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान भी दे रही है।

 


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