तृणमूल विधायक के खिलाफ लगे पोस्टर

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कोलकाता : बसीरहाट उत्तर के तृणमूल विधायक रफीकुल इस्लाम के खिलाफ उनके क्षेत्र में विवादास्पद पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें उन्हें “लापता” बताया गया है। पोस्टर में दावा किया गया है कि विधायक विधानसभा चुनाव के बाद से अपने क्षेत्र में नहीं दिखे हैं। इस पोस्टर के नीचे “तृणमूल कांग्रेस सम्मान रक्षा कमिटी” का नाम अंकित है, जबकि तृणमूल में ऐसी कोई संगठनात्मक इकाई नहीं है। पोस्टर में दिए गए फोन नंबर का भी अस्तित्व नहीं है, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि इसे किसने लगाया है।

शनिवार सुबह मुरारिशा के विभिन्न स्थानों पर, जो विधायक का आवासीय क्षेत्र है, रफीकुल इस्लाम की तस्वीरें और उनके बारे में जानकारी देने के अनुरोध वाले पोस्टर देखे गए। पोस्टरों में लिखा गया है कि पहले विधायक लाल पोशाक में आते थे और अब हरे रंग की पोशाक पहनते हैं। पोस्टर में यह भी लिखा गया है कि विधायक की अनुपस्थिति के बारे में उनके परिवार के सदस्य भी कोई जानकारी नहीं दे पाए हैं।

रफीकुल इस्लाम पहले सीपीएम के विधायक रह चुके हैं और उन्होंने 2016 में सीपीएम के टिकट से चुनाव जीता था। 2021 में उन्होंने तृणमूल का दामन थामा और विधायक बने। इस दल-बदल की चर्चा भी पोस्टर में की गई है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान रफीकुल पार्टी के कुछ प्रचार अभियानों में देखे गए थे, लेकिन क्षेत्र के कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति नहीं देखी गई।

विधायक रफीकुल इस्लाम ने कहा कि उन्हें “तृणमूल कांग्रेस सम्मान रक्षा कमिटी” के नाम से किसी संगठन का ज्ञान नहीं है। उन्होंने पोस्टर लगाने वालों की ओर इशारा करते हुए कहा, “ये लोग कौन हैं और किस दल से हैं, मुझे नहीं पता। मैं एक स्वच्छ छवि वाला विधायक हूं, जिसे जनता ने दो बार जिताया है। यह पोस्टर विवाद कुछ लोगों की साजिश मात्र है, और जनता को मुझ पर विश्वास है।”

हसनाबाद ब्लॉक तृणमूल अध्यक्ष इस्कंदर गाजी ने इस विवाद में सीपीएम का हाथ बताया। उन्होंने कहा, “यह विपक्षियों की साजिश है। रफीकुल पहले सीपीएम में थे, इसलिए यह पोस्टर सीपीएम ने लगाया होगा।” हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि विधायक की अनुपस्थिति पर पार्टी के भीतर असंतोष है।

दूसरी ओर, सीपीएम नेता और हसनाबाद पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष सुबिद अली गाजी ने इसे तृणमूल का आंतरिक विवाद बताया। उन्होंने कहा, “बसीरहाट लोकसभा उपचुनाव से पहले तृणमूल के भीतर रफीकुल को उम्मीदवार बनाने के खिलाफ असंतोष उभर रहा है। सीपीएम इस तरह की राजनीति नहीं करती है।”


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