पटना के आईजीआईएमएस में हुई मोटापे की बरिएट्रिक सर्जरी की शुरुआत

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सीतामढ़ी के 51 वर्षीय एके सिंह का हो गया था 115 किलो वजन, हुई पहली सर्जरी मोटापे की वजह से हो गये थे हर्निया, स्लीप एपनिया सिंड्रोम और हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल से ग्रसित गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने किया सफल ऑपरेशन, निर्देशक डॉ. एनआर बिश्वास ने पूरी टीम को बधाई



पटना, 19 दिसम्बर (हि.स.)। आईजीआईएमएस के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने मोटापे से परेशान एक मरीज को नई जिंदगी दी है। आईजीआईएमएस में पहली बार गैस्ट्रो-सर्जरी विभाग में बेरियाट्रिक सर्जरी की गई। सीतामढ़ी निवासी एके सिंह (51) का वजन लगातार बढ़ने से 115 किलो हो गया था। मोटापे की वजह से वह हर्निया, स्लीप एपनिया सिंड्रोम और हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल की समस्या से ग्रसित हो गए थे।

जांच के बाद गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के डॉ. साकेत ने लेप्रोस्कोपिक स्लीव गेस्ट्रेक्टोमी (बेरियाट्रिक सर्जरी) प्लान की। इस सर्जरी के तहत मरीज के पेट की आकार को कम किया गया जिससे उसको भूख कम लगेगी और मोटापा को बढ़ाने वाले हॉरमोन्स पर भी नियंत्रण हो सकेगा। डॉ. साकेत ने बताया की 15 दिसम्बर को यह ऑपरेशन तीन घंटे में पूरा किया गया। साथ ही दूरबीन विधि से हर्निया की सर्जरी भी कर दी गई। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह ठीक है और शनिवार को चौथे दिन उनकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गयी। निश्चेतना विभाग के डॉ. संजीव और डॉ. स्वाति ने ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया की अभी तक बिहार में बरिएट्रिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इस सर्जरी के लिए मरीजों को दिल्ली, इंदौर या अहमदाबाद जाना पड़ता है। वहां प्राइवेट हॉस्पिटलों में इस सर्जरी के खर्च 3-4 लाख रुपये आते हैं, वही आईजीआईएमएस में यह ऑपरेशन महज 50-60 हज़ार के खर्च में संभव है। अब यह ऑपरेशन मोटापे से ग्रसित मरीजों के लिए संसथान में निरंतर उपलब्ध रहेगा। आईजीआईएमएस में सफल बरिएट्रिक सर्जरी के लिए संस्थान के निर्देशक डॉ. एनआर बिश्वास ने पूरी टीम को बधाई दी है। टीम में डॉ. संजय कुमार, डॉ. सौरभ सिंगला, डॉ. निशांत कुरियन और सिस्टर मधु थे।

बैरिएट्रिक सर्जरी के बादजीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरीः डॉ. मनीष मंडल

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि मोटापा कई अन्य गंभीर बीमारियों जैसे की हार्ट अटैक, मधुमेह, फैटी लिवर, कैंसर और स्ट्रोक की वजह हो सकता है। उन्होंने बताया, बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद, जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी हो जाता है। इसमें स्वास्थ्यवर्धक भोजन का सेवन किया जाना चाहिए और एक संतुलित जीवनशैली अपनाई जानी चाहिए। वैसे और कोई खास सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है, लेकिन बस एक बात दिमाग में रखने की जरूरत है और वह है व्यायाम और स्वास्थ्यवर्धक जीवन यापन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना।

मोटापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं में कारगर है बैरिएट्रिक सर्जरी  

बैरिएट्रिक सर्जरी वजन कम करने का एक ऑपरेशन है। यह सर्जरी दूरबीन विधि से की जाती है जिसमें पेट पर कोई बड़ा चीरा नहीं पड़ता है। मरीज़ ऑपरेशन के एक दिन बाद खाने- पीने लगता है और तीसरे दिन अस्पताल से छुट्टी हो जाती है। मोटापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर और स्लीप एपनिया से पीड़ित लोगो में यह सर्जरी काफी कारगर है। वैसे तो बैरिएट्रिक सर्जरी कई तरह के हैं, लेकिन सर्जन सामान्य तौर पर तीन का उपयोग करते हैं, रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाइपास, वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी और लैप्रोस्कोपिक एडजेस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग। सर्जरी से पेट की संरचना में परिवर्तन लाया जाता है, जिसमें पेट और पाचनतंत्र भी शामिल रहता है। इस सर्जरी के बाद भूख कम लगने लगती है जिससे लोग भोजन का कम मात्रा में उपयोग करते हैं और धीरे-धीरे वजन कम होने लगता है। ऐसे में संतुलित जीवन, पोषक तत्वों का सेवन और व्यायाम इलाज़ को सफल बनती है।

 


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