चित्रकूट,30 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में आतंक का पर्याय बने साढ़े पांच लाख के कुख्यात ईनामी डकैत गौरी यादव को शनिवार को एडीजी अमिताभ यश के नेतृत्व में ढेर कर दिया गया। यूपी एसटीएफ की टीम को यह कामयाबी उस वक्त मिली जब दस्यु डकैत को बहिलपुरवा के जंगल में घेर लिया गया और मुठभेड़ में उसे मार गिराया गया। मारे गए दुर्दांत डकैत पर चार दर्जन से अधिक जघन्य आपराधिक मामले दर्ज थे। मुठभेड़ स्थल से एसटीएफ को एक एके 47 के साथ-साथ भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं।
विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य बसा बुन्देलखण्ड का पाठा का बीहड़ कईं दशकों से दुर्दांत डकैतों के आतंक का गढ़ रहा है। ददुआ, ठोकिया, रागिया, बलखड़िया और बबली कोल के मारे जाने के बाद डकैत गौरी यादव ही चित्रकूट के बीहड़ में इकलौता दस्यु गिरोह बचा था। डकैत गौरी यादव पर यूपी से पांच लाख और एमपी से पचास हजार का ईनाम घोषित था। डकैत गौरी पर ईनाम बढ़ने के साथ ही यूपी एसटीएफ ने दस्यु पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था।
एडीजी एसटीएफ के नेतृत्व में चली कार्रवाई में डकैत हुआ ढेर
डकैत गौरी यादव की धरपकड़ में लगी यूपी एसटीएफ को शुक्रवार की रात मुखबिर से उसके और गिरोह के बारे सटीक सूचना मिली। जिसके आधार पर लखनऊ से एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश खुद चित्रकूट पहुंचे। उनके नेतृत्व में यूपी एसटीएफ की टीम ने जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के जंगलों में दस्यु गिरोह की घेराबंदी कर ली गई। इसके बाद तड़के करीब 3-4 बजे के आसपास दस्यु गौरी यादव गिरोह से एसटीएफ की टीम का आमना-सामना हो गया। मुठभेड़ में एसटीएफ ने साढ़े पांच लाख के दुर्दांत ईनामी डकैत गौरी यादव को मार गिराया। मुठभेड़ में दोनों तरफ से चली सैकड़ों राउंड चली गोलियों की तड़तड़ाहत से पाठा के बीहड़ में हड़कम्प मच गया।
गिरोह के सदस्य डकैत को छोड़कर भागे, तलाश तेज
मुठभेड़ स्थल से यूपी एसटीएफ को एक एके-47 रायफल, एक क्लाशनिकोव सेमी ऑटोमैटिक राइफल, एक 12 बोर बंदूक और सैकड़ों कारतूस मिले हैं। डकैत गौरी यादव पर यूपी से पांच लाख और एमपी से 50 हजार का इनाम घोषित था। गिरोह के और सदस्य एसटीएफ की टीम से घिरने पर अंधेरे में भाग निकले। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि मारे गए डकैत के गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए पुलिस अफसरों के साथ कई थानों की पुलिस और एसटीएफ की टीमें जंगल में कांबिंग कर रही हैं।
आपको बता दें कि, चित्रकूट जिले के बाहिलपुरवा थाने के माड़व बाग गांव का रहने वाला दस्यु गौरी यादव कुख्यात डकैत ददुआ के पिट्टू के तौर पर जंगल में उतरा था। ददुआ के मारे जाने के बाद वह डकैत बबुली गिरोह में शामिल हो गया। पुलिस ने बबुली कोल को मारने के लिए इसको उस समय बढ़ावा दिया और इसकी मदद से डकैत बबुली को मारा गया। बबुली के मारे जाने के बाद उसी गिरोह के कुछ सदस्यों के साथ करीब 10 साल पहले गौरी ने अपना गिरोह बना लिया और खुद सरगना बन गया था।