गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रतिमा और पूजा सामग्री विसर्जन पर लगी रोक
बेगूसराय, 06 अक्टूबर (हि.स.)।राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण तथा भारत सरकार के निर्देश के आलोक में इस वर्ष भी गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में किसी प्रकार की प्रतिमा विसर्जित नहीं की जाएगी।
दुर्गा पूजा, काली पूजा, छठ पूजा एवं अन्य पूजनोत्सव पर नदी में प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाए जाने के साथ ही पूजा पंडाल के संबंध में भी प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 50 हजार रुपया जुर्माना किया जा सकता है। इस संबंध में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा जिला पदाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक, नगर आयुक्त, नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी एवं पूजा समितियों के लिए भारत सरकार तथा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा पारित आदेश के आलोक में निर्देश जारी किया गया है।
इसके तहत प्रतिमाओं में सिंथेटिक, अजैवविघटनीय पदार्थों, प्लास्टर ऑफ पेरिस, थर्मोकॉल ईत्यादि का प्रयोग नहीं करने तथा गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में कोई भी प्रतिमा विसर्जित करने पर रोक लगाई गई है। नदी के किनारों और घाटो पर बैरिकेटिंग करने का निर्देश दिया गया है, ताकि नदियों एवं उसके किनारों पर प्रतिमा विसर्जन करने से रोका जा सके। प्रतिमा विसर्जन के लिए अस्थायी तालाब बनाने और उसके तल में हटाये जाने वाले सिंथेटिक लाइनर की व्यवस्था की जाएगी। चिन्हित विसर्जन स्थलों की सूचना पूजा समितियों एवं आमजन को विभिन्न माध्यमों से दिया जा रहा है।
चिन्हित विसर्जन स्थलों पर फूल, माला, कपड़े, धातु एवं अन्य सजावटी सामानों के संग्रहण के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी तथा विसर्जन के 48 घंटों के अंदर शहरी निकाय एवं संबंधित पंचायत प्रतिमा विसर्जन स्थलों से परित्यक्त सामग्रियों को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के दिशा-निदेशों के अनुसार संग्रहित कर उसका निष्पादन करेंगे। पूजा पंडालों के लिए भी निर्देश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि सभी पूजा पंडालों में पूजा के बाद परित्यक्त्त सामग्रियों के निपटारा के लिए जैव-विघटनीय, अविघटनीय एवं अन्य सामग्रियों में समुचित अलग रखने के लिए अलग-अलग डस्टबिन उपलब्ध करायी जाय।
इस संबंध में श्रद्धालुओं को लगातार जानकारी दिया जाए। शहरी निकायों एवं पंचायतों के सौजन्य से फूल, माला आदि जैव-विघटनीय पूजा सामग्री को कम्पोस्ट किया जाय। जबकि अविघटनीय सामग्रियों प्लास्टिक, कपड़ा, धातु से बने सजावटी सामानों का इको फ्रेंडली रूप में पुनःचक्रण किया जाय। इसके साथ ही पूजा पंडाल एवं विसर्जन स्थल पर क्या करें एवं क्या नहीं करें से संबंधित सूचना, होर्डिंग एवं बैनर लगाने तथा जिला प्रशासन के पदाधिकारियों, नगर निकायों के पदाधिकारियों, पुलिस, गैर सरकारी संगठनों एवं पूजा समिति के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय समिति बनाने का निर्देश दिया गया है। पूजा पंडालों एवं विसर्जन स्थल पर किसी के द्वारा जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन करने पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशानुसार पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए 50 हजार रुपया जुर्माना वसूल किया जाएगा। डीपीआरओ भुवन कुमार ने बताया कि उपरोक्त निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन द्वारा सभी पूजा समितियों को अवगत कराया जा रहा है।