नई दिल्ली, 16 दिसम्बर (हि.स.)। स्वदेशी हथियार प्रणालियों के सफल परीक्षणों की श्रृंखला में भारत ने बुधवार को ओडिशा तट से परमाणु सक्षम कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल रात्रि परीक्षण किया। इस साल पृथ्वी-2 का यह तीसरा रात्रि परीक्षण है। 350 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज वाली इस मिसाइल को पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है।
इससे पहले पिछले साल दिसम्बर महीने भी पृथ्वी- 2 का परीक्षण किया गया था। उस वक्त 3 दिसम्बर, 2019 को 350 किलोमीटर तक दुश्मनों पर वार करने की क्षमता वाली इस मिसाइल को देर शाम करीब 7:45 पर चादीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र आइटीआर के प्रक्षेपण परिसर तीन से दागा गया था। पृथ्वी-2 का वह परीक्षण भी सफल रहा था। पृथ्वी-2 सतह से सतह पर मार करने वाली शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। पृथ्वी-2 मिसाइल 500-1000 किलोग्राम तक आयुध ले जाने में सक्षम है और इसके दो इंजन तरल ईंधन से चलते हैं। देश में विकसित हुई यह मिसाइल 150 से 600 किलोमीटर तक निशाना भेद सकती है। पृथ्वी सीरीज की तीन मिसाइलें पृथ्वी-1, पृथ्वी-2, पृथ्वी-3 हैं जिनकी मारक क्षमता क्रमशः 150, 350 और 600 किलोमीटर तक है।
स्वदेशी हथियार प्रणालियों के सफल परीक्षणों की श्रृंखला में भारत इसी हफ्ते दो और रणनीतिक मिसाइलों का परीक्षण करने के लिए तैयार है। इनमें लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-IV है जिसका परीक्षण 18 दिसम्बर को होना है। 4,000 किमी से अधिक की रेंज वाली 20 मीटर लंबी दो-चरण की परमाणु सक्षम अग्नि-IV मिसाइल दक्षिण पूर्व एशिया में कहीं भी लक्ष्य पर वार कर सकती है। इसके अलावा मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) का परीक्षण 22 दिसम्बर को किया जाएगा। इसे इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के सहयोग से डीआरडीओ ने विकसित किया है। इसलिए इजराइल के रक्षा वैज्ञानिकों का एक दल निर्धारित परीक्षण फायरिंग के लिए भारत आ चुका है।