बालाकोट के आतंकी शिविर फिर से सक्रिय हुए : विपिन रावत

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करीब 500 आतंकी सीमापार से भारत में घुसपैठ के लिए तैयार-इनसे निपटने के लिए सेना ने किए पर्याप्त उपाय



नई दिल्ली, 23 सितम्बर (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक में नेस्तनाबूद किए गए सीमापार के बालाकोट आतंकी शिविर फिर से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने कहा कि करीब 500 आतंकी सीमापार से भारत में घुसपैठ के लिए तैयार है, जिनका मुकाबला करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं।

तमिलनाडु की अफसर प्रशिक्षण अकादमी में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारतीय सैन्यबल ने बालाकोट के जिन आतंकी कैंपों को खत्म कर दिया था, अब वह फिर से सक्रिय हो गए। रावत यहां चेन्नई में अफसर प्रशिक्षण अकादमी में युवा नेतृत्व अभ्यास इकाई की शुरुआत करने पहुंचे थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत फिर से कोई बालाकोट जैसा हमला कर सकता है? रावत ने कहा कि हमें इस बात को दोहराने की की जरूरत नहीं है। दूसरी तरफ को इस बात का अंदाजा लगाने दिया जाए की भारत क्या कार्रवाई करने जा रहा है। हमने पहले भी सीमापार जाकर हमला किया था, इसके बाद हमने बालाकोट हमला किया।

घुसपैठ करने की फिराक में बैठे दहशतगर्दों की संख्या के बारे में में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा ऊपर-नीचे होता रहता है लेकिन 500 के आस-पास आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। इनसे निपटने के लिए सेना ने पर्याप्त उपाय किए हैं ।

सेना प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में किसी तरह का संचार अवरोध नहीं है। संचार अवरोध केवल आतंकियों और उनके  सीमापार बैठे आकाओं के बीच है। लैंडलाइन ठीक काम कर रही है और लोगों के लिए किसी तरह का संचार अवरोध नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दुकानें बंद होने का कारण आतंकियों की धमकी है। वह चाहते हैं कि दुनिया में कश्मीर को लेकर गलत छवि जाए।

उन्होंने कहा कि इस्लाम की गलत व्याख्या कर कुछ लोग आंतक का संदेश दे रहे हैं। इस्लामिक उपदेशकों को चाहिए कि वह इस्लाम का सही संदेश लोगों के सामने रखें।

भारत और चीन के संबंधों पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने किसी भी तरह के तनाव को खत्म करने का एक तंत्र विकसित कर लिया है। इस तंत्र के तहत किसी भी तनाव की स्थिति को अधिकारियों के बीच बैठक के माध्यम से सुलझा लिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं वास्तविक सीमा को लेकर दोनों देशों बीच अलग अलग अवधारणा के चलते है।

 


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