बकरीद ईद बुधवार को, कई जगह सजा बकरों का बाजार

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जयपुर, 20 जुलाई (हि.स.)। प्रेम, भाईचारे और त्याग का प्रतीक बकरीद ईद (ईद उल अजहा)का पर्व बुधवार को मुस्लिम समाज धूमधाम से मनाया जाएगा। ईद उल अजहा के दिन सुबह मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे को मुबारकबाद देकर कुर्बानी का दौर शुरू करेंगे।

गौरतलब है कि इस बार भी कोरोना संक्रमण के चलते खरीदारों की भीड़ और सामाजिक दूरी की पालना को लेकर प्रशासन ने इजाजत नहीं दी है। जिसके चलते प्रशासन ने बकरीद ईद पर सामाजिक दूरी की पालना करने के लिए मुस्लिम भाइयों से अपील की गई है।

वहीं बकरीद ईद पर बकरा मंडी में किसी तरह की भीड भाड न हो इसके लिए कुछ लोगों ने बकरा ऑनलाइन बेचने की व्यवस्था की है जिसके चलते बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरा खरीदने के लिए बकरों का ऑनलाइन बाजार सज गया है। ऑनलाइन बकरा बुक कर डिलीवरी आपको घर बैठे हो रही है। ऑनलाइन वेबसाइट्स के साथ ही सोशल मीडिया पर भी खूबियों और फोटो के साथ बकरे मौजूद हैं। वाट्सएप पर वीडियो कॉल के जरिए और अलग-अलग ग्रुप बनाकर व्यापारी और ग्राहक अब दोनों ही ऑनलाइन फोटो भेजकर बकरों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं।

बकरीद को लेकर बच्चों से लेकर बड़े तक जश्न में डूबे नजर आए

राजधानी जयपुर के बाजारों में बकरीद ईद के एक दिन पूर्व मंगलवार को मुस्लिम बाहुल बाजारों और अन्य बाजारों में कपड़ा और बकरा खरीददारी परवान पर रही। मुस्लिम समाज के लोग बाजारों की दुकानों में मोल भाव करते नजर आए। कोई कपड़े खरीदने में मशगुल दिखा तो कोई बकरे की खरीदारी करते नजर आया। इस दौरान कुर्ते पायजामें की दुकानों पर खासी रौनक रही। इसके चलते बाजारों में खरीद फरोख्त को लेकर भीड़ लगी रही।

बॉलीवुड सेलिबेटी सलमान,शाहरूख और अमीर के नाम वाले बकरों की कीमत सबसे अधिक

राजधानी जयपुर में बुधवार को मनाए जाने वाले बकरीद ईद एक दिन पूर्व शहर घाटगेट,ईदगाह और चैनपुरा बकरा मंडी में बॉलीवुड सेलिबेटी सलमान,शाहरूख और अमीर के नाम वाले बकरों की कीमत सबसे अधिक है। जानकारी के अनुसार जितना खूबसूरत और तंदुरुस्त बकरा होता है, उसकी कीमत भी उतनी ही अधिक होती है।

घाटगेट निवासी सद्ददाम ने बताया कि बकरीद पर कुर्बानी के लिए सभी समाजबंधु बकरे खरीदते हैं। रोजाना लगभग एक बकरे पर 1000 रुपये का बड़, 350 रुपये का गेहूं समेत अन्य सामान मिलाकर 2000 रुपये का खर्चा किया जाता है। जितना खुबसूरत और तंदुरुस्त बकरा होता है, उसकी कीमत भी उतनी ही अधिक होती है। इस बार सोशल नेटवर्क के जरिए बकरों को बेचा जा रहा है। हालांकि बीते साल के मुकाबले इस साल कीमतों में बहुत कमी हुई है। सबसे अधिक मेवाती और तोतापरी बकरों की मांग है,जिनकी कीमत पांच से दस हजार से शुरू है। विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अलग—अलग ब्रीड और हर कीमत के बकरे बिक रहे हें। कई वेबसाइट पर बकरों को लेकर जानकारी भी साझा की गई है।

ऐसा माना जाता है कि बकरीद को आर्थिक रूप से सक्षम मुसलमान पसंदीदा वस्तु की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। इनमें से एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है। जबकि शेष दो हिस्से रिश्तेदारों व घर के लिए काम में लिया जाता है।

इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक पैगंबर हजरत इब्राहिम के समय से इस्लाम को माननेवाला हर शख्स पसंदीदा चीज की कुर्बानी देता है। इसके चलते ईद का त्यौहार मनाया जाता है। दरअसल, हजरत इब्राहिम के जमाने से बकरीद की शुरुआत हुई थी। पैगंबर साहब हमेशा बुराई के खिलाफ लड़ते रहे और उनका जीवन समाज सेवा में पूरा हो गया।

बकरा ईद को दरगाह और मस्जिद में नहीं होगी सामूहिक नवाज

कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच सरकार अभी किसी तरह की छूट देने के मूड में नहीं है। क्योंकि बकरीद के दिन काफी भीड़ होती है। ऐसे में अगर दरगाह और मस्जिद में सामूहिक नवाजअनुमति दी जाती है तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। यानी फिलहाल कोरोना को देखते हुए जो नियम जारी हैं । इस भी कोरोना के बढते संक्रमण को देखते हुए बकरा ईद को दरगाह और मस्जिद में सामूहिक नवाज नहीं होगी।सभी मुस्लिम भाईयों से घर में ही नवाज अदा करने की अपील जा रही है।


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