अमरावती, 28 नवम्बर (हि.स.)। तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के दौरे से गुरुवार को सुबह से राजधानी अमरावती में तनाव की स्थिति है। विपक्ष के नेता चंद्रबाबू के काफिले पर पथराव भी हुआ है और किसान दो गुटों में बंटे हैं। इस दौरान किसानों ने चंद्रबाबू के विरोध में नारे लगाये। किसानों का आरोप है कि चंद्रबाबू ने राजधानी के नाम पर किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया लेकिन राजधानी का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है। इसलिए उन्हें अमरावती में दौरा करने का कोई अधिकार नहीं है।
इससे पहले चंद्रबाबू अपने काफिले के साथ अमरावती के उद्ददरायुनिपलेम गए जहां राजधानी के निर्माण का शिलान्यास प्रधान मंत्री मोदी ने किया था। यहां से चंद्रबाबू रायणपुडी गांव गए जहां सचिवालय का शिलान्यास किया गया था। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के प्रति राज्य सरकार की उदासीनता के विरोध में वह दौरा कर रहे हैं। चंद्रबाबू के पक्ष के किसानों का कहना है कि वर्तमान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी राजधानी के निर्माण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं और चंद्रबाबू के किये गए कार्यों को राजनीति से जोड़कर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
चंद्रबाबू के विरोधी किसानों का कहना है कि तत्कालीन चंद्रबाबू सरकार ने भूमि के बदले प्लाट आवंटित नहीं किये जिसके कारण उनका जीवन जीना दूभर हो गया है। इसी दौरान प्ले कार्ड के साथ प्रदर्शन कर रहे दोनों किसानों के गुटों में झड़प हुई। सत्तापक्ष वाईएससार कांग्रेस और विपक्ष टीडीपी कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर हमला किया है। गुंटूर ज़िले के अमरावती स्थित वेंकटपालेम में तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। पुलिस ने आंदोलन कर रहे किसानों और कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने का प्रयास किया लेकिन इसी दौरान चंद्रबाबू के पुतले फूंके गए।