फिरोजाबाद, 29 जनवरी (हि.स.)। सांसद फूलन देवी की हत्या के विरोध में वर्ष 2001 में हुये विरोध प्रदर्शन के दौरान बवाल और आगजनी के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने बुधवार को पूर्व विधायक अजीम भाई को दस साल की सजा एवं दस हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस अभिरक्षा में उन्हें जेल भेज दिया गया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 26 जुलाई 2001 को समाजवादी पार्टी ने बाजार बंद का आह्वान किया था। दोपहर करीब एक बजे संजय यादव, मंसाराम और अजीम मिया के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ता बाजार बंद कराते हुये सुभाष तिराहे पर सड़क पर बैठ गये और जाम लगा दिया। इन लोगों ने सांसद फूलन देवी की हत्या के विरोध में नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद यह तीनों लोग सुहाग नगर की तरफ जाने लगे, तभी इन्होंने आगरा की तरफ से आ रही एक रोडबेस बस को आग के हवाले कर दिया जिससे बस में सवार यात्रियों में भगदड़ मच गयी।
पुलिस ने तीनों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और विवेचना के उपरान्त मंसाराम, संजय यादव व अजीम भाई के विरूद्व आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। सेशन कोर्ट ने ट्रायल के दौरान मंसाराम यादव व संजय यादव को दोषमुक्त कर दिया जबकि अजीम भाई की पत्रावली अलग करके सुनवाई की गई। मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश//विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट संख्या 8 डाॅ केशव गोयल के न्यायालय में हुई। शासन की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार राठौर व प्रेम सिंह वर्मा ने केस को साबित करने के लिए उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की तमाम नजीर न्यायालय के समक्ष पेश की।
अपर सत्र न्यायाधीश डाॅ. केशव गोयल ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध तमाम साक्ष्य का गहनता से अध्यन करने के बाद पूर्व विधायक अजीम भाई को दोषी पाते हुए खुले न्यायालय में सजा सुनाई।