प्रयागराज , 25 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय रामपुर के कुलाधिपति मोहम्मद आजम खां को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अजीमनगर थाने में 27 किसानों द्वारा दर्ज एफआईआर के तहत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही जयाप्रदा व किसानों को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने राज्य सरकार व जया प्रदा सहित अन्य विपक्षियों से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान की खण्डपीठ ने मोहम्मद आजम खां व अन्य की याचिका पर दिया है।
याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन, अधिवक्ता कमरुल हसन सिद्दीकी व सफदर काजमी ने बहस की। सफदर काजमी ने बताया कि विश्वविद्यालय की जमीन को लेकर किसानों ने एफआईआर दर्ज कराई है। भाजपा प्रत्याशी रही जया प्रदा पर किसानों को उकसाकर एफआईआर दर्ज करवाने का आरोप लगाया गया है। किसानों ने आजम खां पर जबरन जमीन लिखवा लेने व कब्जा कर लेने का आरोप लगाया है। याचिका में बदले की कार्यवाही करने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया गया है। जबकि सरकार का कहना है कि किसानों ने एफआईआर दर्ज करायी है। जिससे सरकार का कोई सरोकार नहीं है।
आजम खान ने इस मामले में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। जिस पर बुधवार को जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस मंजू रानी चौहान की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद बेंच ने 29 एफआईआर पर रोक लगा दी। अब कहा जा रहा है कि इस आधार पर उन्हें दूसरे मुकदमों में भी राहत मिल सकती है।
84 मुकदमे हो चुके हैं दर्ज
बता दें कि सांसद बनने के बाद से आजम खान पर 84 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसमें जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों से संबंधित 30 मुकदमे भी शामिल हैं। इसके अलावा भी आजम खान पर चोरी, डकैती, भैंस और बकरी चोरी के मुकदमे दर्ज किए गए हैं। आजम के अलावा उनके दोनों बेटों और पत्नी के खिलाफ भी केस दर्ज हैं।
इससे पहले राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने कोसी बाढ़ क्षेत्र पर अतिक्रमण के लिए आजम खान द्वारा रामपुर में संचालित निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि चूंकि कोसी गंगा की सहयोगी नदी है, लिहाजा संबंधित वैधानिक प्राधिकरण अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ उचित कार्रवाई कर सकती है।