नई दिल्ली, 07 मई(हि.स.)। केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस से निपटने के आयुष उपायों पर किए जा रहे अध्ययन के क्लिनिकल ट्रायल की औपचारिक शुरुआत की है। गुरुवार को शुरू किए गए इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले सीएसआईआर और आईसीएमआर भी सहयोगी हैं। आयुष द्वारा तैयार किए गए मॉड्यूल पर अब तीनों संस्थाएं मिलकर अध्ययन करेंगी।
इस मौके पर डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि देश की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को कोरोना की रोकथाम और इससे निपटने के उपायों में सहयोग करने की दिशा में एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि इस अध्ययन से आयुर्वेद के गुणों को वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध कर दुनिया के सामने रखा जा सकेगा। इससे पूरे विश्व को लाभ होगा। इस काम में ड्रग कंट्रोलर भी सहयोग कर रहे हैं। आयुष की पद्धति को अपनाकर लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं और यही हथियार कोरोना से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
आयुष संजीवनी ऐप की भी शुरुआत
डॉ हर्षवर्धन ने आयुष संजीवनी ऐप की शुरुआत करते हुए कहा कि यह अध्ययन 50 लाख लोगों के बीच इस ऐप के मदद से पहुंचेगा। आने वाले समय में अध्ययन और देश के लक्ष्य को पूरा करने में ऐप उपयोगी सिद्ध होगा। आयुष मंत्रालय ज्यादा जोखिम वाली आबादी में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक उपायों के प्रभाव का पता लगाने के लिए जनसंख्या आधारित अध्ययन शुरू कर रहा है। इसके मुख्य उद्देश्यों में कोविड-19 के लिए आयुष उपायों की निवारक क्षमता का आकलन करना और ज्यादा जोखिम वाली आबादी के जीवन स्तर में सुधार का आकलन करना शामिल हैं। यह अध्ययन आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ चार शोध परिषदों और देशभर के 25 राज्यों में स्थित राष्ट्रीय संस्थानों तथा लगभग पांच लाख की आबादी को कवर करने वाली कई राज्य सरकारों के माध्यम से कराया जाएगा।