लखनऊ, 12 जुलाई (हि.स.)। यदि सजग ढंग से अपने घर में मिलने वाले खाद्य पदार्थ का ही हम सही ढंग से प्रयोग करें तो कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ ही तमाम रोगों से मुक्ति मिल सकती है। हमें अस्पताल जाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। हर रोग की दवा हमारे घर में उपलब्ध है, बशर्ते उसका उपयोग सही ढंग से और सही समय पर हो। पानी, हल्दी, सोंठ, तुलसी, गिलोय मुलेठी, गाय का घी आदि सब प्रकृति की दी हुई अनमोल रत्न हैं। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार इनका सही प्रयोग करने मात्र से शरीर हमेशा निरोग बना रह सकता है।
आयुर्वेदाचार्य एसके राय का कहना है कि बरसात के मौसम में सबसे अधिक पानी के प्रयोग में हमें ध्यान देना चाहिए। हमारे शरीर में सबसे अधिक पानी ही है और बरसात में यह प्रदूषित होता है। इसके लिए हमें हमेशा गर्म पानी पीने की आदत डालनी होगी। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि पानी ज्यादा पीएं, लेकिन हमेशा गर्म करके। इससे गले की खिच-खिच हमेशा दूर रहेगा। साथ ही आक्सीजन की मात्रा हमेशा संतुलित रहेगी।
नाक में डालें गाय का घी
दूसरा रामबाण औषधी है गाय का घी। डाक्टर एसके राय ने बताया कि गाय का घी खाने में प्रयोग करने के साथ ही नाक में भी हल्का गरम करके डालना चाहिए। इसे डालने से वायरस मर जाते हैं। उन्होंने बताया कि वायरस हमेशा नाक व गले से ही शरीर में प्रवेश करते हैं। इस कारण नाक में घी डालने पर वे भीतर जाने से पहले ही खत्म हो जाते हैं। विशेषकर कोरोना संक्रमण से बचने के लिए यह कारगर उपाय है।
तुलसी में मिलता है कैरोटीन, खांसी व बुखार में रामबाण
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के पंचकर्म विभाग के विभागध्यक्ष जेपी सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि अधिकांश घरों में तुलसी है। तुलसी की पत्ती में एस्कार्बिक एसिड व कैरोटीन होता है। यह खांसी, बुखार सर्दी के लिए रामबाण है। इसका काढ़ा बनाकर पीने से कई रोग दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही यह पुरुषत्व को भी बढ़ाने में बहुत सहायक है।
लहसून बढ़ाता है इम्यूनिटी, कोलेस्ट्राल की मात्रा भी करता है कम
आयुर्वेदाचार्य डाक्टर जेपी सिंह ने बताया कि लहसून शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ ही बात रोग में बहुत ही फायदेमंद है। इसे दूध में पकाकर लेने से सर्दी जुकाम दूर होने के साथ ही कोलेस्ट्राल की मात्रा कम होती है। यह खून को पतला करता है। इसे हर दिन चार-पांच जवा लिया जाना चाहिए। इससे भूख भी बढ़ती है। इसे घी या तेल में भूनकर लेने पर ज्यादा बेहतर होता है। कच्चा लेने पर कभी-कभी गैस की शिकायत भी होने की संभावना रहती है।
हल्दी कई रोगों से देगी मुक्ति
हल्दी को संस्कृत में हरीद्रा भी कहते हैं। डाक्टर जेपी सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से बताया कि हल्दी गठिया रोग, पेट के तमाम रोगों के साथ ही चोट पर भी लगाया जाता है। यह शरीर में रक्त को साफ रखता है। डाक्टर एसके राय ने कहा कि एंटी एलर्जिक है। एंटी वायरल भी है। इस कारण इससे वायरल रोगों से निजात मिलती है। इसमें कुकरोमिन पाया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। इसके साथ ही इसमें पाया जाने वाला बीटा कापे सेल एंटी कैंसरस है। यह महिलाओं में यूटरस को बल देता है।
काली मिर्च बढ़ाती है भूख, जीरा पाचन क्रिया को करता है ठीक
डाक्टर जेपी सिंह ने अदरक और सोंठ के बारे में बताया कि अदरक उष्ण होता है, जबकि सोंठ की तासिर मधुर होती है। सोंठ इम्यूनिटी को बढ़ाता है और यह तुरंत काम करता है। इसको पका कर प्रयोग करना उपयुक्त होगा। वहीं काली मिर्च में एंटी वायरल तैतरीन पाया जाता है। यह भूख को बढ़ाती है। इसी तरह जीरा को खाली पेट लेने पर पाचन क्रिया अच्छी होती है। इसके साथ ही मोटापा को भी कम करता है। अजवाइन गुड के साथ लड्डू बनाकर कृमि नाशक, एलर्जी में अच्छा काम करता है। भाप से नाक ब्लाकेज दूर होता है। मेथी सुगर में, वजन को कम करता है। गर्भाशय को मजबूती प्रदान करता है।
हर दिन पांच ग्राम सोंठ का करें प्रयोग
डाक्टर एसके राय ने बताया कि सोंठ शरीर के अंदर अग्नि को प्रज्ज्वलित करती है। इसमें जिंजबरीन तत्व प्रमुख रुप से मिलता है। इसमें विटामिन ए, बी व सी भी पाये जाते हैं। इससे पाचन क्रिया बढ़ती है। कोरोना काल में दिनभर में पांच ग्राम सोंठ का प्रयोग काफी फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि गुड़ का सेवन करने से वात की कमी दूर होती है। इससे ग्लूकोज की मात्रा भी बढ़ाता है।