अयोध्या, 02 अप्रैल (हि.स.)। राम जन्म उत्सव में राम नगरी इस बार अनूठे रूप में अपना उत्सव मना रही है। राम लला की जन्मभूमि कही जाने वाली अयोध्या जिसका सबसे बड़ा उत्सव श्री राम नवमी महापर्व ही है, जिसे श्री राम के जन्म के रूप मे बड़े ही विशाल भव्य रूप में मनाया जाता रहा है। इस दिन लगभग 20 लाख से भी अधिक श्रद्धालु पावन सलिला सरयू नदी में सुबह से ही स्नान करते आते रहे हैं।
राम नगरी के मंदिरों, घरों, धर्म शालाओं में बड़े-बड़े महोत्सव आयोजित होते है। इसमे देश के कोने-कोने से कई लाख की संख्या मे राम भक्त अयोध्या आते हैं। अपने आराध्य श्री राम के जनमोत्स्व को भव्य व दिव्य रूप से मनाने के लिए आते हैं और इस वर्ष तो श्रीराम नवमी को और भी भव्य व दिव्य रूप से मनाने का स्वरूप तैयार किया जा रहा था।
इसी वर्ष श्री रामजन्मभूमि के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया था और वर्षो से टेंट मे रह रहे श्री राम लला को सरकार द्वारा गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा आयोजित अनुष्ठान के माध्यम से अस्थायी भवन मे नव संवत्सर पर विराजमान कराया भी जा चुका है लेकिन इतिहास में पहली बार अयोध्या में सन्नाटा है। वो भी इस लिए की इस दौरान विश्वव्यापी महामारी कोरोना पर विजय प्राप्त करने के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 21 दिनों के लॉकडाउन का सभी साधु-संत व राम भक्त पूर्ण रूप से पालन कर रहे हैं, जिसके चलते अयोध्या की गलियां, सड़कें व मठ-मंदिरों में सन्नाटा है सभी राम नवमी का पर्व अपने-अपने घरों व मठ-मंदिरों में मना रहे। सभी मंदिरों में सुबह की मंगला आरती किया गया है।
दोपहर बारह बजे सभी मंदिरो के गर्भ ग्रह में राम लला का आज जन्म विधिविधान पूर्वक मनाया जाएगा। श्री राम जन्म भूमि परिसर में अस्थाई बुलेप्रूफ गर्भ ग्रह में राम लला की उनके अनुज भाइयों के साथ पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने सुबह की विधि विधान से आरती पूजा किया।