निर्मोही अखाड़ा ने लिया अयोध्या रामजन्मभूमि ट्रस्ट में शामिल होने का फैसला

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सरकार के आमंत्रण पर पंच मिलेंगे और विचार विमर्श कर भूमिका के बारे में निर्णय लेंगे



अयोध्या, 18  नवम्बर (हि.स.)। अखिल भारतीय पंच रामानंदी निर्मोही अखाड़ा के पंचों ने सर्वसम्मति से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनने वाले ट्रस्ट में शामिल होने का फैसला लिया है। पंचों ने सर्वसम्मति से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार की ओर से आमंत्रण मिलने पर पंच मुलाकात करेंगे और ट्रस्ट में शामिल होंगे।
निर्मोही अखाड़े ने रामनगरी स्थित आश्रम में अखाड़े से जुड़े पंचों की बैठक रविवार को बुलाई थी। निर्मोही अखाड़े के सरपंच राजा रामचंद्र चंद्राचार्य की मौजूदगी और अयोध्या निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में अखाड़े के उपसरपंच चित्रकूट के महंत नरसिंह दास, वृंदावन के महंत मोहन दास, छतरपुर मध्य प्रदेश के महंत चिंगारी दास, जयपुर राजस्थान के महंत राम सुरेश दास उर्फ राधे बाबा, ग्वालियर के महंत रामसेवक दास, चित्रकूट कामदगिरि पीठम के नागा मदन गोपाल दास मौजूद रहे।
बैठक में बरसों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के मालिकाना हक मामले में देश की सर्वोच्च अदालत की ओर से दिए गए निर्णय पर चर्चा की गई। कहा गया कि राम जन्म भूमि के लिए निर्मोही अखाड़े ने हमेशा अगली पंक्ति में रहकर संघर्ष किया। सबसे पहले यह लड़ाई न्याय की चौखट पर निर्मोही अखाड़ा ही लेकर गया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन माह के भीतर ट्रस्ट बनाकर ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व देने का आदेश दिया है। अखाड़े की ओर से राम जन्म भूमि के लिए लड़ाई लड़ी जा रही थी, जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरी हो गई। निर्मोही अखाड़ा अयोध्या के महंत दिनेंद्र दास ने कहा कि पंचों ने सर्वसम्मति से ट्रस्ट में शामिल होने का फैसला किया है।
चित्रकूट कामदगिरि पीठम के महंत नागा मदन गोपाल दास ने बताया कि सभी पंचों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए देश को एकजुट करने और शांति पूर्वक व्यवस्था बनाने के लिए सलाह दी है। निर्मोही अखाड़े के बारे में तरह-तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं जो सरासर गलत हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अखाड़े को प्रबंधन में अहम भूमिका दी है। सरकार के आमंत्रण पर पंच मिलेंगे और विचार विमर्श कर भूमिका के बारे में निर्णय लेंगे। निर्मोही अखाड़ा ट्रस्ट में शामिल होगा।
निर्मोही अखाड़े के वकील ने कहा कि प्रेसिडेंट या जनरल सेक्रेट्री के साथ सभी पंचों को शामिल करने की मांग की जाएगी। अखिल भारतीय पंच रामानंदी निर्मोही अखाड़े के अधिवक्ता रणजीत लाल वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को रजिस्टर्ड पत्र भेजकर राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को प्रेसिडेंट या जनरल सेक्रेटरी का पद दिए जाने की मांग की जाएगी। साथ ही मांग की जाएगी कि निर्मोही अखाड़े के सभी पंचों को ट्रस्ट में शामिल किया जाए। पंचायती व्यवस्था के तहत संचालित होने वाले निर्मोही अखाड़े में कुल 15 पंच हैं।
उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि राम जन्म भूमि को लेकर वर्षों से अदालती लड़ाई लड़ रही निर्मोही अखाड़े की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। ऐसे में केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बनाए जाने वाले प्रस्तावित ट्रस्ट में भी निर्मोही अखाड़े को महत्वपूर्ण भूमिका मिलनी चाहिए। निर्मोही अखाड़ा वर्षों से राम जन्म भूमि के लिए संघर्ष कर रहा है। अखाड़े के सभी पंचों की आम राय है कि जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।

 


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