अयोध्या, 31 अक्टूबर (हि.स.)। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले प्रशासन रामजन्मभूमि सहित पूरी अयोध्या का सुरक्षा घेरा मजबूत करने में लगा है। सरकार के सिंगल यूज प्लास्टिक बैन के दायरे में रामलला भी आ गए हैं। इसीलिए तीन दिनों से रामलला को प्रसाद नहीं चढ़ पा रहा है। प्रवेश द्वार के आसपास प्रसाद बेचने का धंधा करने वाले विक्रेता बेरोजगार हो गए हैं। प्रशासन की ओर से राम जन्मभूमि पर चढ़ने वाले प्रसाद के लिए पारदर्शी लिफाफे की जल्द से जल्द व्यवस्था कराने का भरोसा दिया गया है।
पारंपरिक रूप से विवादित परिसर में विराजमान रामलला को प्रसाद के रूप में मिश्री इलायची आदि चढ़ाया जाता है। अभी तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक के पैकेट में रामलला को चढ़ने वाले प्रसाद की बिक्री होती रही है और यही पैकेट लेकर श्रद्धालु विवादित परिसर में दर्शन के लिए जाते थे। हालांकि दीप पर्व के दिन आरजेबी प्रशासन की ओर से सुरक्षा एजेंसियों तथा कर्मियों को ताकीद कर दी गई थी कोई भी श्रद्धालु सिंगल यूज प्लास्टिक लेकर विवादित परिसर में नहीं आएगा। इसके बाद जांच और तलाशी में जूते सुरक्षाकर्मियों ने सिंगल यूज प्लास्टिक में पैक प्रसाद को बाहर ही रखवाना शुरू कर दिया और प्रसाद के साथ श्रद्धालुओं को भीतर जाने से रोक दिया।
सुरक्षाबलों ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के चलते प्रसाद के पैकेट को भीतर ले जाने पर रोक लगा दी गई है। प्रसाद पर रोक के चलते धंधा खत्म होने से आक्रोशित प्रसाद विक्रेताओं ने चर्चा शुरू की तो मामले की खबर मीडिया तक पहुंची। बुधवार को मामले की राष्ट्रीय और प्रादेशिक मीडिया में चर्चा शुरू हुई तो प्रशासन की ओर से विकल्प जल्द उपलब्ध कराने का भरोसा दिया गया। मंडलायुक्त वह विवादित परिसर के रिसीवर मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि मामला प्रशासन के संज्ञान में आया है। प्रशासन की ओर से सिंगल यूज़ प्लास्टिक का विकल्प तलाशा जा रहा है। जल्द ही कोई पारदर्शी लिफाफा में प्रसाद की पैकेजिंग और भीतर ले जाने की व्यवस्था सुचारू हो जाएगी।