अयोध्या, 26 अक्टूबर (हि.स.)। कार्तिक मास की अनंत चतुर्दशी तिथि को वैज्ञानिक युग के पुष्पक विमान से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम मां सीता भाई लक्ष्मण का सरयू के तट पर आगमन हुआ। कर्मचारियों तथा प्रदेश सरकार की ओर से स्वागत के बाद राम कथा पार्क में राज तिलक का आयोजन किया गया।
धर्मनगरी जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठी। हजारों वर्ष बाद एक बार फिर से राम नगरी में त्रेता कालीन जैसा नजारा दिखाई पड़ा। कार्यक्रम स्थल से ही जनपद के विकास के लिए 226 करोड़ की योजनाओं का सीएम व राज्यपाल ने लोकार्पण तथा शिलान्यास भी किया। प्रदेश सरकार के दीपोत्सव कार्यक्रम के तहत शनिवार को 14 वर्ष का वनवास व्यतीत कर लंकापति रावण के वध के बाद रामकथा के प्रसंगों के मुताबिक श्रीराम का आगमन हुआ।
वैज्ञानिक युग के पुष्पक विमान से राम सीता और लक्ष्मण के स्वरूप मोक्ष दायिनी सरयू के तट पर पहुंचे तो सूबे के मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार के पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। गुरु वशिष्ठ तथा प्रिय सेवक हनुमान के साथ रथ आरूढ़ होकर राम सीता और लक्ष्मण आगे बढ़े तो वातावरण जय श्रीराम के उद्घोष से गुंजायमान हो गया। हेलीकॉप्टर रथ यात्रा पर फूलों की वर्षा की गई। प्रतीकात्मक राजतिलक के लिए राम सीता और लक्ष्मण राम कथा पार्क के भव्य मंच पर पहुंचे तो अन्य भाई शत्रुघ्न और भरत भी मंच पर आ पहुंचे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फिजी देश की डिप्टी स्पीकर व सहायक मंत्री बीना कुमार भटनागर व प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने माल्यार्पण व आरती कर राज तिलक का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री, केंद्रीय पर्यटन मंत्री, उपमुख्यमंत्री तथा कैबिनेट के सहयोगी मंत्रियों समेत राम नगरी के संत धर्म आचार्यों ने आरती की। मंच पर पूरा रामदरबार सजा नजर आया तो राम के साथ आए लोग भी मंचासीन रहे। नेपथ्य में राम भजन बजता रहा। राम के राज्याभिषेक के बाद प्रदेश के पर्यटन मंत्री की ओर से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह तथा संत धर्म आचार्यों को अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। डाक विभाग की ओर से दीपोत्सव पर डाक टिकट का अनावरण कराया गया।
इस धार्मिक आयोजन में संत धर्माचार्य प्रदेश सरकार के बगलगीर रहे। मुख्य अतिथि ने कहा विश्व भर में होगी रामराज की स्थापना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि फिजी गणराज्य की उपसभापति व महिला बाल विकास मंत्री बिना कुमार भटनागर ने कहा कि रावण वध के बाद ही राम राजा बने और रामराज्य आया। आज के दौर में रामराज लाने के लिए हमको अपने भीतर के बुराइयों स्वरूप रावण को मारना होगा। साढ़े 11 हजार किमी दूर फिजी वासी सैकड़ों वर्षों पुरानी अपनी भारतीय विरासत संस्कृत व आध्यात्मिकता को जीवित किए हुए हैं। यह भारतीय संस्कृत की विशेषता के चलते ही सक्षम हो पाया। उन्होंने कहा कि देश महात्मा गांधी व गुरु नानक की जयंती कथा राम के आगमन पर दीपोत्सव बना रहा है। विश्वास जताया कि पूरे विश्व में रामराज की स्थापना होगी।
मुख्य अतिथि ने राम की धरती पर आगमन तथा राज्याभिषेक व दीपोत्सव का साक्षी बनने का अवसर प्रदान करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया। संबोधन की शुरुआत और समापन राम भजन से की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीराम ने कहा था कि मुझे बैकुंठ से भी अवधपुरी ज्यादा प्रिय है। प्रदेश सरकार की कोशिश अवधपुरी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान की मर्यादा के अनुरूप विकसित करने की है। जिसको लेकर अपने हर दौरे में वह विकास योजनाओं की सौगात दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व पटल पर भारतीय संस्कृत अध्यात्म और परंपरा को पोषित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि इस सांस्कृतिक विरासत को आजादी के बाद ही फलक पर आ जाना चाहिए था लेकिन लगभग 70 साल गुजर गए। हालांकि भाजपा सरकार विरासत और संस्कृति के प्रतीक अयोध्या मथुरा काशी समेत अन्य स्थलों को विकसित करने में जुटी है। मोदी ने तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं लागू कर आधुनिक रामराज की मजबूत नींव रख दी। प्रदेश सरकार भी रामराज की परिकल्पना पर काम कर रही है ऐसा आम लोगों व सन्तों की कृपा और मोदी की अनुकंपा से हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोगों ने अयोध्या को विवाद बना रखा था। इस सरकार में विकास के रूप में परिभाषित कर दिया। केंद्रीय पर्यटन संस्कृत मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि जो कुछ हम राम कथाओं में सुना करते थे वह आज आंखों के सामने साकार हो रहा है। इस सब के सूत्रधार भगवाधारी योगी ही हैं। वनवास जाते समय मां कौशल्या ने कहा था कि नींद के साथ जा रहे हो और प्रीत के साथ आना। इसको राम ने चरितार्थ कर दिखाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दीपोत्सव कार्यक्रम से अयोध्या को देश विदेश में एक नई पहचान मिली और पर्यटन को बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा कि राम ने आमजन के सवाल पर सीता का परित्याग किया, मां के कहने पर राजपाट छोड़ बनवास को चल दिए और दलित शोषित पीड़ित को गले लगा कर अधर्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इस दौरान प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, मंत्री महेंद्र सिंह, आशुतोश टंडन,रमापति शास्त्री, श्रीराम चौहान, मोती सिंह, सूर्य प्रताप शाही, राम जन्म भूमि न्यास अध्यक्ष गोपाल दास, सुरेश दास रामानुजाचार्य विश्वेश प्रपन्नाचार्य श्रीधराचार्य वासुदेव आचार्य कन्हैया दास दीप के चंपत राय ज्ञानी गुरजीत सिंह समेत शासन प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे।