अयोध्या, 28 अक्टूबर (हि.स.)। अयोध्या के गलियों में रंगोली बना कर संत-धर्माचार्यों के साथ श्रृद्धालुओंं और भक्तों ने घर, मंदिर में घी के दीये जलाकर दीपावली मनाई। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने रामनगरी में 5 लाख 51 हजार दीपोंं को जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
रामलला के समक्ष रखे गए 51 दीप
त्रेतायुग में माता कैकेयी द्वारा मांंगे गये वचनों में शामिल 14 वर्षों के वनवास के बाद रावण का वध कर, पत्नी सीता को वापस लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के लौटने की खुशी में एक बार फिर अयोध्या दीपों से जगमगा उठी। भगवान राम की जन्म भूमि पर पुजारी ने रिसीवर मंडलायुक्त की अनुमति पर 51 दीप जलाकर भगवान के दरबार में रखे।
दशरथ महल में हुई दीपावली
बिन्दुगद्याचार्य परंपरा का दशरथ महल बड़ी जगह प्राचीन और भव्य इमारत का मंदिर है। यहां महंत बिन्दुगद्याचार्य देवेंद्र प्रसादाचार्य की देख-रेख में सभी आयोजन हुए। यहां भी हर वर्ष की तरह परम्परागत ढंग से दीपावली मनायी गयी।
कनक भवन में हुआ भव्य उत्सव
अयोध्या में लगभग छह हजार मंदिर है, जिसमें भगवान राम से जुड़े कई स्थान और महल हैं। इनमें संतों और भक्तों की आस्था का प्रमुख स्थान कनक भवन का मंदिर है। यह माता सीता के लिए बनाया गया एक महल है। इसे रानी कैकेयी ने मुंह-दिखाई में सीता को दिया था। इसलिए इस मंदिर में केवल भगवान श्रीराम और उनकी पत्नी सीता की ही तीन जोड़ी मूर्तियां हैं। महल के आंगन में हनुमान जी की मूर्ति विराजमान है। यहां त्रेता युग की परंपरा के अनुसार हर दिन भगवान श्रीराम को सुबह मंत्रोच्चारण के जरिए जागृत कर पंचामृत से स्नान कराने के बाद उन्हें श्रृंगार के साथ विशेष वस्त्र पहनाए जाने की परंपरा आज भी है। शाम को उनकी आरती के बाद श्रद्धालुओं द्वारा बधाई गीत और रात में शयन आरती की जाती है। रविवार को दीपावली के दिन साफ-सफाई करवाई गई। यहां परंपरागत मनायी जाने वाली दीपावली देखने के लिए भक्तों की कतार लगती है। रविवार को अयोध्या के लगभग सभी मंदिरों और घरों में दीपोत्सव विधिवत मनाया गया।
योगी सरकार ने शनिवार को एक बार फिर से लक्ष्य से ज्यादा 4 लाख दस हजार दीया जलाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने मौके पर प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया।