दिल्ली, 15 जुलाई (हि.स.)। बाबरी मस्जिद विध्वंस में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं पर चल रहे केस की सुनवाई कर रही ट्रायल कोर्ट के जज एसके यादव ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुकदमा निपटाने में अभी 6 महीने लगेंगे। जज 30 सितंबर को रिटायर होने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं, जज फैसला सुना कर रिटायर हों। कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम धारा 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कोर्ट ने 19 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने 1992 के बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई को सभी चौदह आरोपितों के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के आपराधिक साजिश रचने की धाराओं को हटाने के आदेश को निरस्त करते हुए आपराधिक साजिश रचने की धाराओं को फिर से लगाने की अनुमति दी थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इन नेताओं के खिलाफ रायबरेली की कोर्ट में चल रहे सभी मामले लखनऊ ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में जिस सीबीआई कोर्ट का गठन किया था उसके जज एसके यादव हैं।